Congress Ticket Dispute: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 का माहौल गरमा चुका है, और इस बार पूर्व उमरखेड़ विधायक विजय खडसे ने कांग्रेस से टिकट न मिलने के कारण एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने का फैसला किया है। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जो पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। खडसे का कहना है कि पार्टी में टिकट वितरण को लेकर पारदर्शिता की कमी है, और यह आरोप चुनावी माहौल में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
1. विजय खडसे का कांग्रेस से निराशा और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में फैसला
विजय खडसे, जो 2009 में कांग्रेस से उमरखेड़ सीट जीत चुके हैं, इस बार भी उसी सीट के लिए टिकट की उम्मीद कर रहे थे। खडसे ने दावा किया कि पार्टी के आंतरिक सर्वे में उन्हें अपने क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार माना गया था, लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें टिकट देने की बजाय एक बाहरी उम्मीदवार को प्राथमिकता दी। विजय खडसे स्वतंत्र उम्मीदवार (Vijay Khadse Independent Candidate) के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला कर चुके हैं, जिससे कांग्रेस के लिए उनके इस निर्णय का नकारात्मक असर पड़ सकता है।
खडसे के अनुसार, कांग्रेस नेतृत्व ने अपने वफादार सदस्यों की अनदेखी की है और टिकट वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रखी है। उनका आरोप है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पार्टी में वफादारी को नज़रअंदाज़ करते हुए बाहरी उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी। यह स्थिति कांग्रेस टिकट विवाद (Congress Ticket Dispute) को जन्म दे रही है, जो कांग्रेस के लिए आने वाले चुनाव में बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
2. नाना पटोले पर टिकट बेचने का गंभीर आरोप
विजय खडसे ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर आरोप लगाया है कि वह टिकट बेच रहे हैं। खडसे का कहना है कि नाना पटोले ने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के सिद्धांतों और निर्देशों का पालन नहीं किया है। राहुल गांधी ने हाल ही में पार्टी को निर्देश दिया था कि चुनाव में ईमानदार और भ्रष्टाचार मुक्त उम्मीदवारों को ही मौका मिलना चाहिए। खडसे के अनुसार, पटोले ने इन निर्देशों को दरकिनार कर दिया और ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिए जो पार्टी के प्रति पूरी तरह वफादार नहीं हैं।
यह आरोप चुनावी माहौल में कांग्रेस की छवि को नुक्सान पहुंचा सकता है, विशेषकर उमरखेड़ क्षेत्र में जहां खडसे की एक मजबूत पकड़ है। विजय खडसे स्वतंत्र उम्मीदवार (Vijay Khadse Independent Candidate) के रूप में चुनाव लड़कर कांग्रेस के लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं और पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर असर डाल सकते हैं।
3. कांग्रेस के लिए बड़ा संकट
विजय खडसे के आरोपों से कांग्रेस पार्टी को उमरखेड़ में एक गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी की आंतरिक राजनीति और टिकट वितरण में हुई अनियमितताओं ने कई वफादार सदस्यों को निराश किया है, और यह चुनाव के समय पार्टी के लिए एक बड़ी कठिनाई साबित हो सकती है। कांग्रेस टिकट विवाद (Congress Ticket Dispute) के कारण पार्टी को कई सीटों पर बगावत का सामना करना पड़ सकता है, जिससे कांग्रेस के चुनावी समीकरण बिगड़ सकते हैं।
नाना पटोले ने खडसे के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “महाराष्ट्र में हर किसी को पता है कि कौन बिकाऊ है और कौन नहीं, इसलिए मैं इस विषय पर आगे कुछ नहीं कहना चाहता।” उनके इस बयान से साफ जाहिर है कि कांग्रेस में आंतरिक कलह ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद बढ़ा दिए हैं। खडसे की स्वतंत्र उम्मीदवारी (Independent Candidacy) कांग्रेस के लिए नई चुनौतियों को जन्म दे सकती है, जिससे पार्टी को उमरखेड़ सहित राज्य भर में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।