मुंबई जैसी बड़ी महानगरपालिका में बहुत से कामकाज होते हैं, और वहां रोजाना दुकानदारों और आम लोगों को कई तरह के लाइसेंस वगैरह निकलवाने पड़ते हैं। लेकिन कुछ भ्रष्ट कर्मचारी इसी मौके का फायदा उठाकर लोगों से रिश्वत की मांग करते हैं। ऐसी ही एक घटना हाल ही में सामने आई है।
मुंबई एंट्री करप्शन ब्यूरो (ACB) ने BMC के लाइसेंस निरीक्षक, गणपत केशव पालये, को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। ये साहब मुंबई की मरीन लाइन इलाके के सी-वार्ड ऑफिस में तैनात थे। एक शिकायत के आधार पर ACB ने जाल बिछाया।
पता चला कि ये निरीक्षक साहब एक ज्वैलरी दुकान के मालिक से दुकान का लाइसेंस करवाने के लिए 12,000 रुपए मांग रहे थे! जब ACB को इस बात का पता चला, उन्होंने दुकानदार के साथ मिलकर एक योजना बनाई। 15 मार्च को पालये को रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच करने पर पता चला कि पहले रिश्वत की रकम 12,000 थी, लेकिन फिर 10,000 में बात तय हो गई थी। अभी तो आरोपी निरीक्षक को न्यायिक हिरासत में रखा गया है और आगे कोर्ट में केस चलेगा। इस घटना से और भी सरकारी कर्मचारियों पर शक होगा क्योंकि ऐसी घटनाएँ अक्सर सामने नहीं आती हैं।