महाराष्ट्रमुंबई

गढ़चिरौली नक्सली हमला: कोर्ट ने आरोपी बिजनेसमैन की ज़मानत याचिका खारिज की

गढ़चिरौली नक्सली हमला: कोर्ट ने आरोपी बिजनेसमैन की ज़मानत याचिका खारिज की

बॉम्बे हाई कोर्ट ने गढ़चिरौली के एक बिजनेसमैन की ज़मानत याचिका नामंजूर कर दी है। 2019 में हुए नक्सली हमले में, जिसमें 15 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, इस बिजनेसमैन को आरोपी बनाया गया है। कोर्ट ने कहा कि शुरुआती जांच में बिजनेसमैन के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलते हैं जो संकेत देते हैं कि उसने जानबूझकर इस आतंकी हमले में मदद की थी।

मई 2019 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले में एक भीषण नक्सली हमला हुआ था, जिसमें एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी की 27 गाड़ियों को आग लगा दी गई थी और एक ज़ोरदार बम विस्फोट किया गया था। इस हमले में एक आम नागरिक के साथ 15 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।

पुलिस की जांच में पता चला कि गढ़चिरौली के रहने वाले कैलाश रामचंदानी नामक बिजनेसमैन ने पुलिस की गाड़ियों की आवाजाही के बारे में नक्सलियों को जानकारी दी थी।  कई चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि रामचंदानी कुख्यात नक्सलियों से मिला करता था और कई बार संदिग्ध सामान लेकर जंगल में भी जाता था।

कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि गंभीर मामलों में मुकदमे की देरी कोई ज़मानत पाने का आधार नहीं हो सकता। कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस हमले में 15 जवान शहीद हुए हैं, इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

कैलाश रामचंदानी को 2019 में ही गिरफ्तार कर लिया गया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब उसको जेल में ही रहना होगा।  इस मामले में पुलिस ने रामचंदानी पर UAPA, MCOCA  जैसे कई संगीन आरोप लगाए हैं।

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