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Delhi Election 2025: आप के सारे दिग्गज धराशायी, सिर्फ तीन नेता बच पाए, आखिर कैसे?

Delhi Election 2025: आप के सारे दिग्गज धराशायी, सिर्फ तीन नेता बच पाए, आखिर कैसे?

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। चुनावी मैदान में उतरे AAP के कई दिग्गज नेता बुरी तरह हार गए। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे बड़े नाम अपनी सीट भी नहीं बचा सके।

लेकिन इस चुनावी सुनामी में AAP के तीन नेता खुद को बचाने में कामयाब रहे। गोपाल राय, अमानतुल्लाह खान और आतिशी ने इस भयंकर हार के बावजूद अपनी सीटें बचा लीं। अब सवाल यह उठता है कि इन तीनों नेताओं ने ऐसा क्या किया जो बाकी बड़े नेता नहीं कर पाए?

केजरीवाल, सिसोदिया और जैन क्यों हारे?

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की यह सबसे बुरी हार रही। केजरीवाल खुद नई दिल्ली सीट से हार गए, जहां उन्हें बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने 1,900 वोटों से मात दी।

मनीष सिसोदिया को जंगपुरा सीट पर बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह ने हरा दिया।

सत्येंद्र जैन को शकूर बस्ती में करनैल सिंह ने हराया।

इन तीनों नेताओं की हार की सबसे बड़ी वजह भ्रष्टाचार के आरोप और जेल में बिताया गया समय रही।

  • केजरीवाल, सिसोदिया और जैन तीनों ही तिहाड़ जेल जा चुके थे, और जनता के बीच इनकी छवि काफी खराब हो गई थी।
  • दिल्ली के लोग आम आदमी पार्टी की “ईमानदार” छवि पर सवाल उठाने लगे थे।
  • बीजेपी ने प्रचार में इस मुद्दे को जमकर भुनाया और जनता को समझाने में सफल रही कि AAP की सरकार अब पहले जैसी साफ-सुथरी नहीं रही।

कैसे बच गए AAP के ये तीन नेता?

दिल्ली की इस राजनीतिक आंधी में सिर्फ गोपाल राय, अमानतुल्लाह खान और आतिशी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। आइए जानते हैं, इनकी जीत के पीछे क्या कारण थे।

1. अमानतुल्लाह खान (ओखला सीट)

अमानतुल्लाह खान ओखला सीट से चुनाव लड़े और लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की।

2020 में उन्होंने 1,30,000 वोटों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी, और इस बार भी वे शानदार बढ़त के साथ जीत गए।

अमानतुल्लाह खान की जीत की वजह:

  • ओखला मुस्लिम बहुल इलाका है, और मुस्लिम वोटरों ने उन्हें लगातार समर्थन दिया।
  • उन्होंने हमेशा स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दी, जैसे जल आपूर्ति, सड़कें और बिजली की समस्या।
  • बीजेपी ने यहां ध्रुवीकरण की कोशिश की, लेकिन अमानतुल्लाह खान की स्थानीय पकड़ इतनी मजबूत थी कि वे हारने से बच गए।

2. गोपाल राय (बाबरपुर सीट)

गोपाल राय बाबरपुर सीट से AAP के कैंडिडेट थे और उन्होंने 76,192 वोट पाकर 18,994 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।

गोपाल राय की जीत की वजह:

  • वे AAP के लो-प्रोफाइल नेताओं में से एक हैं।
  • उन पर भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं थे, इसलिए जनता ने उन्हें बाकी नेताओं की तरह खारिज नहीं किया।
  • बाबरपुर सीट पर व्यापारियों और छोटे उद्योगों का दबदबा है, और गोपाल राय ने उनके हित में कई फैसले लिए थे।

3. आतिशी (कालकाजी सीट)

आतिशी आम आदमी पार्टी की उन गिने-चुने नेताओं में से थीं, जिन्होंने कालकाजी सीट से जीत हासिल की।

उन्होंने कुल 52,154 वोट हासिल किए और 3,521 वोटों से जीत दर्ज की।

आतिशी की जीत की वजह:

  • उन्होंने दिल्ली सरकार के शिक्षा सुधारों में अहम भूमिका निभाई, जिससे उनकी छवि बाकी नेताओं की तुलना में बेहतर बनी रही।
  • उन्होंने स्थानीय समस्याओं पर ज्यादा फोकस किया, जैसे सड़क, सफाई और स्वास्थ्य सेवाएं।
  • बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी का बड़बोलापन उनके खिलाफ गया, जिससे आतिशी को फायदा मिला।
  • उन्होंने ग्राउंड लेवल पर लोगों से कनेक्ट किया और उनकी समस्याओं को हल करने की कोशिश की।

क्या AAP दोबारा खड़ी हो पाएगी?

इस चुनावी हार के बाद अब सवाल यह उठता है कि क्या आम आदमी पार्टी खुद को फिर से खड़ा कर पाएगी?

  • पार्टी को अब जनता का विश्वास दोबारा जीतना होगा।
  • भ्रष्टाचार के आरोपों से खुद को बाहर निकालना होगा।
  • स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देना होगा।

अगर AAP इन बातों पर काम नहीं करती, तो आने वाले लोकसभा चुनावों में भी पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है।

Delhi Election 2025: तीन नेताओं की जीत, लेकिन AAP का भविष्य संकट में

दिल्ली चुनाव 2025 में AAP को सबसे बड़ी हार मिली, लेकिन गोपाल राय, अमानतुल्लाह खान और आतिशी ने अपनी सीटें बचा लीं।

इनकी जीत इस बात का संकेत है कि अगर कोई नेता जमीन से जुड़ा रहता है, स्थानीय मुद्दों को हल करता है और विवादों से बचता है, तो जनता उसे अब भी समर्थन दे सकती है।

अब देखना यह होगा कि क्या AAP इस हार से सीखकर आगे की रणनीति बनाएगी, या फिर पार्टी धीरे-धीरे खत्म होती चली जाएगी?


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