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Delhi Elections 2025: वोटर लिस्ट में किस तरह कट या जुड़ सकता है किसी का नाम, जानें क्या है नियम

Delhi Elections 2025
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Delhi Elections 2025:दिल्ली चुनाव 2025 के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है, और अब राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। हर वोटर के लिए ये जानना जरूरी है कि अगर उनके वोटर लिस्ट में नाम नहीं है, तो उसे कैसे जोड़ा जा सकता है। साथ ही, यदि किसी का नाम लिस्ट से हटाया जाता है, तो इसके पीछे क्या नियम और प्रक्रिया है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि वोटर लिस्ट में नाम “कट” (Remove) और “जोड़ने” (Add) की प्रक्रिया क्या है।

क्या है वोटर लिस्ट? (What is a Voter List?)
वोटर लिस्ट, जिसे चुनावी रजिस्टर (Electoral Roll) भी कहा जाता है, वो दस्तावेज है जिसमें हर पात्र मतदाता का नाम दर्ज होता है। इस लिस्ट को चुनाव आयोग द्वारा हर चुनाव से पहले अपडेट किया जाता है। इसमें नए नाम जोड़े जाते हैं और अनुपयुक्त नाम हटाए जाते हैं। ये प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करती है।

वोटर लिस्ट से नाम हटाने की प्रक्रिया (Process to Remove Name from Voter List)
कई परिस्थितियों में किसी मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है। ये प्रक्रिया पूरी तरह से चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों के तहत की जाती है।

1. फॉर्म-7 का महत्व (Importance of Form-7):
यदि किसी को लगता है कि किसी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में नहीं होना चाहिए, तो वे फॉर्म-7 के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ये फॉर्म चुनाव आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है या स्थानीय निर्वाचन कार्यालय से लिया जा सकता है।
आम तौर पर निम्नलिखित कारणों से नाम हटाए जाते हैं –

व्यक्ति की मृत्यु।
मतदाता का पते से स्थानांतरण।
मतदाता द्वारा दोहरी पंजीकरण।

2. नोटिस और सत्यापन (Notice and Verification):
नाम हटाने से पहले संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजा जाता है। यदि वो व्यक्ति समय पर जवाब नहीं देता, तो नाम हटा दिया जाता है।

3. कड़ी जांच प्रक्रिया (Strict Verification Process):
चुनाव आयोग द्वारा नाम हटाने के हर आवेदन की व्यक्तिगत रूप से जांच की जाती है। बीएलओ (Booth Level Officer) और अन्य अधिकारी ये सुनिश्चित करते हैं कि कोई गलत निर्णय न हो।

वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया (Process to Add Name in Voter List)
अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, तो आप इसे जुड़वा सकते हैं। इसके लिए चुनाव आयोग ने बेहद सरल और पारदर्शी प्रक्रिया बनाई है।

1. फॉर्म-6 का उपयोग (Use of Form-6)
वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए आपको फॉर्म-6 भरना होता है। ये फॉर्म ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से भरा जा सकता है।

2. बीएलओ का सत्यापन (BLO Verification)
फॉर्म जमा करने के बाद बीएलओ आपके पते पर आता है और ये सुनिश्चित करता है कि आप दी गई जानकारी के अनुसार वहीं रहते हैं।

3. दस्तावेज़ों की जांच (Document Verification)
आपको अपना पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है। सत्यापन के बाद आपका नाम वोटर लिस्ट में जोड़ दिया जाता है।

चुनाव आयोग की निष्पक्षता (Impartiality of Election Commission)
चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, जिसका काम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है। राजनीतिक दल या सरकार उसके काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।

वोटर लिस्ट से संबंधित विवाद (Controversies Related to Voter List)
दिल्ली चुनाव 2025 में वोटर लिस्ट से नाम हटाने को लेकर विवाद गरमाया हुआ है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा पर मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटाने का आरोप लगाया है। अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत भी की है। इस विवाद ने मतदाताओं को सतर्क कर दिया है कि वे अपनी वोटर लिस्ट में नाम की पुष्टि समय पर कर लें।

वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने का महत्व (Importance of Adding and Removing Names)
ये प्रक्रिया चुनावी पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए आवश्यक है। ये सुनिश्चित करती है कि केवल योग्य मतदाता ही चुनाव प्रक्रिया में भाग लें। मतदाताओं को जागरूक रहकर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और समय पर अपनी वोटर लिस्ट की जांच करनी चाहिए।

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