अंधविश्वास का घिनौना खेल: संतों की भूमि के नाम से मशहूर छत्रपति संभाजीनगर के वैजापुर तहसील के शिऊर गांव में एक पाखंडी बाबा के कारनामों ने लोगों को हैरान कर दिया है। इस बाबा, जिसका नाम संजय रंगनाथ पगारे है, ने पिछले दो सालों से शिऊर गांव के एक मंदिर को अपनी पाखंडी गतिविधियों का अड्डा बना रखा था। ये बाबा भोली-भाली जनता को झूठे दावों और अंधविश्वास के जाल में फंसाकर ठगी करता था।
पाखंडी बाबा के झूठे दावे
संजय पगारे का दावा था कि वो भूत उतार सकता है, शादी में रुकावटें दूर कर सकता है, और अघोरी पूजा के जरिए संतानहीन दंपतियों को संतान प्राप्ति का वरदान दे सकता है। लेकिन उसके इलाज के तरीके सुनकर हर कोई सन्न रह जाता है।
अमानवीय इलाज के तरीके
इस पाखंडी बाबा का इलाज का तरीका न केवल घृणित था, बल्कि अमानवीय भी था। वो लोगों को गंदी चप्पल खाने के लिए मजबूर करता था और जबरदस्ती अपना मूत्र पिलाता था। इतना ही नहीं, वो अपनी छड़ी से लोगों को पीटता था और इसे सामान्य बात बताता था। इसके अलावा, बाबा पर महिलाओं को अनुचित तरीके से छूने के गंभीर आरोप भी लगे हैं, जिसने इस मामले को और भी संगीन बना दिया है।
अंधश्रद्धा निर्मूलन संगठन ने किया पर्दाफाश
अंधश्रद्धा निर्मूलन संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस पाखंडी बाबा की करतूतों को अपने खुफिया कैमरे में रिकॉर्ड किया। उनके द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत संजय पगारे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि, जैसे ही इसकी भनक बाबा को लगी, वो अपने अनुयायियों के साथ फरार हो गया और अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोप
संजय पगारे पर एक महिला ने आपत्तिजनक व्यवहार का आरोप लगाया है। उसका कहना था कि बाबा “अलख निरंजन, अलख निरंजन” का जाप करते हुए भक्तों को डराता और गलत तरीके से छूता था। इन आरोपों ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है।
पुलिस और जनता से अपील
पुलिस इस फरार पाखंडी बाबा की तलाश में जुटी है और लोगों से अपील कर रही है कि वे ऐसे ठगों के बहकावे में न आएं। अंधश्रद्धा निर्मूलन संगठन ने भी जनता से जागरूक रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने का आग्रह किया है।
ये घटना एक बार फिर अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ जागरूकता की जरूरत को रेखांकित करती है। छत्रपति संभाजीनगर जैसे पवित्र स्थल को इस तरह के पाखंडियों से मुक्त रखने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है।
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