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डॉक्टर भूल गए पेट में सुई, सालों तक दर्द झेलती रही महिला

डॉक्टर भूल गए पेट में सुई
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डॉक्टर भूल गए पेट में सुई: सुप्रीम कोर्ट ने एक चौंकाने वाले फैसले में हिमाचल प्रदेश के एक अस्पताल की बड़ी लापरवाही पर मुहर लगाई है। कोर्ट ने एक महिला को 5 लाख का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है, क्योंकि डॉक्टरों ने उसके अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद उसके पेट के अंदर एक सुई छोड़ दी थी।

ये मामला 2005 का है। ज्योति देवी नाम की महिला का अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के बाद भी उनके पेट का दर्द खत्म नहीं हो रहा था। कई अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद पता चला कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उनके पेट में सुई रह गई है। इस सुई को निकालने के लिए उन्हें एक और ऑपरेशन से गुज़रना पड़ा।

निचली अदालत से शुरू हुआ मामला
ज्योति देवी ने इस लापरवाही के लिए सबसे पहले निचली अदालत में मुआवज़े की मांग की। वहां उन्हें 5 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया गया, लेकिन बाद में जब अस्पताल ने इस फैसले को ऊपर की अदालत में चुनौती दी तो रकम कम होती चली गई। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि डॉक्टरों की ये बहुत बड़ी लापरवाही थी, जिसकी वजह से महिला को सालों तक दर्द सहना पड़ा। साथ ही इस केस को निपटाने में भी कई साल लग गए। इन बातों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला सही ठहराया और महिला को 5 लाख का मुआवज़ा देने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ये बात साफ होती है कि डॉक्टरों और अस्पतालों को अपने मरीज़ों के साथ बहुत सावधानी से पेश आना चाहिए। छोटी सी लापरवाही भी मरीज़ के लिए जानलेवा बन सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में “एगशेल स्कल” रूल को लागू नहीं किया। इस रूल के तहत, अगर किसी व्यक्ति को कोई छुपी हुई बीमारी हो और किसी की लापरवाही से उसे आम चोट से भी ज़्यादा नुकसान हो जाए, तो भी दोषी को ही ज़्यादा मुआवज़ा देना पड़ता है।

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