बेंगलुरु शहर में एक बड़ा खुलासा हुआ है। यह खबर सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। क्या आप जानते हैं कि आप जो मांस खा रहे हैं, वह किस जानवर का है? इस सवाल ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला।
26 जुलाई की शाम को बेंगलुरु के केसीआर सिटी रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा हंगामा हो गया। वजह थी मांस का एक बड़ा पार्सल। यह पार्सल जयपुर से आया था। जयपुर-मैसूर एक्सप्रेस ट्रेन में यह मांस का शिपमेंट था। इसमें मांस के 150 बड़े डब्बे थे। लेकिन जैसे ही यह पार्सल स्टेशन पर उतारा गया, वैसे ही बवाल शुरू हो गया।
गोरक्षक पुनीथ केरहल्ली और उनके साथियों ने एक बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह मांस कुत्ते का है। उनका कहना था कि बेंगलुरु के होटलों में मटन यानी बकरे के मांस के नाम पर कुत्ते का मांस परोसा जा रहा है। यह सुनते ही स्टेशन पर भीड़ जमा हो गई और हंगामा शुरू हो गया।
जैसे ही यह खबर फैली, पुलिस और सरकारी अफसर मौके पर पहुंच गए। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के स्वास्थ्य अधिकारी और कॉटनपेट इलाके की पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। उन्होंने मांस के सभी 150 डब्बे जब्त कर लिए। फिर उन्होंने मांस के नमूने लिए और उन्हें जांच के लिए भेज दिया। ये नमूने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को भेजे गए हैं। अब एफएसएसएआई यह पता लगाएगी कि यह मांस किस जानवर का है।
इस मांस के बारे में कई बातें सामने आई हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इस मांस का वजन करीब 5,000 किलो था। लेकिन अफसरों ने कहा कि यह सिर्फ 1,500 किलो है। एक और बात जो सबको चौंका रही है, वह है इस मांस की कीमत। पुलिस को पता चला है कि यह मांस बाजार में 600 रुपये किलो के हिसाब से बेचा जा रहा था। जबकि आम तौर पर मटन यानी बकरे का मांस 800 रुपये किलो के हिसाब से बिकता है। यह बात अफसरों को और भी ज्यादा शक में डाल रही है।
इस पूरे मामले में एक शख्स का नाम सामने आया है। उसका नाम है अब्दुल रजाक। वही इस मांस को मंगवा रहा था। अब्दुल रजाक ने कहा है कि उसके पास इस मांस के बारे में सारे कानूनी कागज हैं। उसने यह भी कहा कि अगर किसी को शक है तो वह मांस में जानवर की पूंछ देख सकता है। अब्दुल रजाक का दावा है कि यह कुत्ते का मांस नहीं बल्कि भेड़ का मांस है।
जैसे ही यह खबर फैली, कई हिंदू संगठनों के लोग भी वहां पहुंच गए। उन्होंने भी वहां जमकर हंगामा किया। इसके बाद पुलिस को वहां तैनात करना पड़ा। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को भी वहां भेजा गया।
यह पहली बार नहीं है जब बेंगलुरु में मांस को लेकर कोई विवाद हुआ है। इससे पहले भी बीबीएमपी को शिकायतें मिली थीं। लोगों ने कहा था कि शहर के कई होटलों में जो मांस परोसा जा रहा है, उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है। तब बीबीएमपी ने एफएसएसएआई के साथ मिलकर जांच शुरू की थी।
इस घटना ने पूरे बेंगलुरु शहर में हलचल मचा दी है। लोग डरे हुए हैं। उन्हें चिंता है कि कहीं वे भी तो कुत्ते का मांस नहीं खा रहे हैं। अब सभी की नजरें एफएसएसएआई की जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं। इस रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि आखिर सच क्या है। क्या वाकई में बेंगलुरु के होटलों में कुत्ते का मांस परोसा जा रहा है या फिर यह सिर्फ एक अफवाह है।
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग सोच रहे हैं कि क्या वे जो खा रहे हैं, वह सही है? क्या होटलों में परोसे जाने वाले मांस की जांच होनी चाहिए? क्या सरकार को इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए? ये सारे सवाल अब लोगों के मन में उठ रहे हैं।
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