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हिल काका से पठानकोट तक: कैसे पाकिस्तान ने बनाया जम्मू-कश्मीर को अशांत करने का नया षड्यंत्र

जम्मू-कश्मीर, पाकिस्तान , आतंकियों

जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंक का साया मंडरा रहा है। पिछले कुछ दिनों से यहां आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं। राजौरी के घने जंगलों से लेकर कुपवाड़ा की पहाड़ियों तक, हर जगह सुरक्षाबल आतंकियों की तलाश में जुटे हैं। यह स्थिति कई सवाल खड़े करती है। आखिर जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकी घटनाएं क्यों बढ़ गई हैं? इसके पीछे पाकिस्तान की क्या चाल है? आइए, इन सवालों के जवाब खोजने की कोशिश करते हैं।

पिछले कुछ हफ्तों में, जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी गतिविधियां देखी गई हैं। पहले कठुआ में, फिर राजौरी में, और अब कुपवाड़ा में आतंकियों की मौजूदगी ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। यह स्पष्ट है कि यह कोई अलग-अलग घटनाएं नहीं हैं, बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं।

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान एक बड़ी योजना के तहत आतंकियों को भारत में भेज रहा है। उसका मकसद जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनावों से पहले माहौल को खराब करना है। इसके लिए वह आतंकियों की घुसपैठ के नए-नए रास्ते तलाश रहा है।

एक नया और चिंताजनक पहलू यह है कि अब पंजाब के रास्ते भी आतंकी भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में पठानकोट के फंगतोली गांव में सात संदिग्ध लोग देखे गए। इसके बाद पुलिस ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। यह घटना बताती है कि आतंकी अब सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों को भी अपना निशाना बना रहे हैं।

पाकिस्तान ने अपनी रणनीति में एक नया बदलाव किया है। उसने नियंत्रण रेखा (LOC) के पास स्थित हिल काका को आतंकियों की घुसपैठ का नया ठिकाना बना लिया है। यह वही जगह है जो 2003 तक आतंकियों के लिए एक सुरक्षित मार्ग हुआ करती थी। भारतीय सुरक्षाबलों ने उस समय इस रास्ते को बंद कर दिया था, लेकिन अब आतंकी फिर से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी इसी रास्ते से भारत में प्रवेश कर रहे हैं। इस खतरे को देखते हुए, भारतीय सुरक्षाबलों ने कुपवाड़ा से राजौरी तक के पूरे क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर की पहाड़ियों और गुफाओं में छिपे आतंकियों की सही संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है। सेना का अंदाजा है कि वहां 50 से 55 आतंकी हो सकते हैं, लेकिन यह संख्या कहीं अधिक भी हो सकती है। कुछ अनुमानों के मुताबिक, यह संख्या 100, 150, या यहां तक कि 250 तक हो सकती है। इसके अलावा, पाकिस्तान लगातार नए आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है।

इन आतंकियों के पास आधुनिक हथियारों का जखीरा है। उनके पास AK 47, M4 राइफल, चीनी पिस्तौल, चीनी स्टील बुलेट, चीनी ग्रेनेड, और यहां तक कि बॉडी कैमरे भी हैं। वे इन उन्नत हथियारों और उपकरणों का इस्तेमाल करके सेना की गतिविधियों पर नजर रखते हैं और फिर हमला करते हैं।

एक चिंताजनक बात यह है कि आतंकी अपने हमलों की वीडियो रिकॉर्डिंग करते हैं और उन्हें पाकिस्तान भेजते हैं। वे स्थानीय लोगों को धमकाकर उनके मोबाइल फोन से इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और इन वीडियो को अपने आकाओं तक पहुंचाते हैं। यह साफ दिखाता है कि पाकिस्तान न सिर्फ आतंकियों को भेज रहा है, बल्कि उनकी हर गतिविधि पर भी नजर रख रहा है।

हालांकि, इस बार स्थिति कुछ अलग है। पहले की तुलना में, अब स्थानीय लोग भी आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं। वे सुरक्षाबलों को आतंकियों के ठिकानों की जानकारी दे रहे हैं। यह एक सकारात्मक बदलाव है जो आतंकवाद से लड़ने में मददगार साबित हो रहा है।

सुरक्षाबलों ने इस खतरे को बहुत गंभीरता से लिया है। वे न सिर्फ आतंकियों की तलाश कर रहे हैं, बल्कि उनकी मदद करने वाले ओवरग्राउंड वर्कर्स से भी पूछताछ कर रहे हैं। इससे उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं जो आगे के ऑपरेशन में मददगार साबित हो सकती हैं।

लेकिन यह लड़ाई आसान नहीं है। सेना ने इस ऑपरेशन में अपने कई बहादुर जवानों को खोया है। इसलिए अब वे बहुत सावधानी से और सटीक तरीके से ऑपरेशन चला रहे हैं। उनका मकसद है आतंकियों को पकड़ना या मार गिराना, लेकिन साथ ही अपने जवानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना।

जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियां एक बड़ी चुनौती हैं। पाकिस्तान की यह नई चाल न सिर्फ क्षेत्र की शांति के लिए खतरा है, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय है। लेकिन भारतीय सुरक्षाबल इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनका संकल्प है कि वे हर हाल में आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे और जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि लाएंगे।

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