लो भाई लोग, धारावी की काया पलटने का खेल शुरू हो गया है! धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट वाले (DRPPL) – सरकार और अडानी ग्रुप का नया जॉइंट वेंचर है ना – वो 18 मार्च से झुग्गी-झोपड़ियों की गिनती करने निकलेंगे! एक-एक घर के कोने-कोने में नज़र डालेंगे, पता लगाएंगे कि किसे नया फ्लैट देना है और किसे नहीं।
सरकार कहती है कि इस सर्वे से पता चलेगा कि किसे नए घर के लिए हक है और किसे नहीं। कहते हैं, “ये सर्वे मुंबई को झुग्गी-मुक्त बनाने का पहला कदम है! धारावी की झोपड़पट्टियों को किसी चमचमाते टाउनशिप में बदलने की शुरुआत है। लोगों से गुज़ारिश है कि इस काम में सहयोग दें ताकि अपने सपनों का घर मिल सके!”
ये काम कैसे होगा? कमला रमन नगर से शुरुआत होगी, हर झोपड़ी को एक नंबर देंगे। फिर एक ट्रेनिंग वाली टीम, हाथ में किसी देसी ऐप के साथ आएगी, घर-घर घूमेगी, कागज़ात वगैरह की छानबीन करेगी। कंपनी का बयान है कि इस डीआरपी स्कीम में हर झुग्गी वाले को फ्लैट मिलेगा ही मिलेगा!
सुनते हैं कि डीआरपीपी ने बड़े-बड़े विदेशी एक्सपर्ट भी बुला रखे हैं – डिज़ाइन के लिए अमरीका वाली सासाकी कंपनी और टाउन प्लानिंग के लिए कोई बूरो हैपॉल्ड इंग्लैंड से!