महाराष्ट्र के वसई, नासिक और पुणे में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जोरदार कार्रवाई करते हुए 12 ठिकानों पर छापेमारी की। ये धमाकेदार कार्रवाई वसई-विरार क्षेत्र में हुए कथित अवैध निर्माण और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर मामले से जुड़ी है। इस बार ED का निशाना वसई-विरार नगर निगम (VVMC) के पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार भी बने, जिनके आवास और आधिकारिक परिसरों में सुबह-सुबह तलाशी शुरू हुई।
क्या है पूरा मामला?
ED की ये कार्रवाई 60 एकड़ की उस सरकारी जमीन पर हुए 41 अनधिकृत निर्माणों को लेकर है, जो सीवेज ट्रीटमेंट और डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित थी। जांच एजेंसी को शक है कि इस मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का खेल चला है। चौंकाने वाली बात ये है कि सोमवार को ही अनिल पवार ने अपना कार्यभार नए आयुक्त मनोज कुमार सूर्यवंशी को सौंपा था, और कुछ ही घंटों बाद ED की टीम उनके ठिकानों पर पहुंच गई।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
गौरतलब है कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब ED ने इस मामले में हल्ला बोला हो। इससे पहले भी वसई-विरार क्षेत्र में 13 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें करीब 9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त हुई थी। उस दौरान एक बिल्डर, आर्किटेक्ट और नगर निगम के अधिकारी वाई.एस. रेड्डी भी ED के रडार पर आए थे। अब अनिल पवार के ठिकानों पर दस्तावेजों की गहन जांच चल रही है, और ED हर उस सुराग को खंगाल रही है जो इस घोटाले की परतें खोल सकता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्ती
ये कार्रवाई केंद्र सरकार की भ्रष्टाचार और अवैध निर्माण के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा मानी जा रही है। वसई-विरार में अवैध निर्माण का ये मामला लंबे समय से सुर्खियों में रहा है, और ED की ताबड़तोड़ छापेमारी से स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
क्या होगा अगला कदम?
ED की इस कार्रवाई से कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। क्या ये मामला और गहरा जाएगा? क्या और बड़े नाम सामने आएंगे? इन सवालों के जवाब के लिए सभी की नजरें ED की अगली चाल पर टिकी हैं।
अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही इस जंग पर आपकी क्या राय है? नीचे कमेंट करें और अपने विचार साझा करें!
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