हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया कि शिवसेना के पूर्व प्रमुख उद्धव ठाकरे की नजर ठाणे के दिवंगत नेता आनंद दिघे की संपत्तियों पर थी। शिंदे ने ये आरोप ठाणे जिले के उम्मीदवार नरेश म्हस्के के समर्थन में महायुती कार्यकर्ताओं की एक बैठक के दौरान लगाया।
शिंदे ने दावा किया कि दिघे को ठाणे जिला अध्यक्ष पद से हटाने की एक समन्वित कोशिश की गई थी। उन्होंने दिघे के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि दिघे ने उनका जीवनभर मार्गदर्शन किया और समाज के लिए काम करने की प्रेरणा दी। शिंदे ने ये भी कहा कि 2022 की मराठी फिल्म ‘धर्मवीर’, जो दिघे पर आधारित है, में दिखाए गए कुछ दृश्य काल्पनिक हैं और असली तथ्य फिल्म के दूसरे भाग में सामने आएंगे।
शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे द्वारा प्रचारित सिद्धांतों से भटकने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उद्धव ने 2019 में जनता को धोखा दिया और बालासाहेब के सिद्धांतों से भटककर कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। शिंदे ने ये भी कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने 50 बार फोन किया लेकिन उद्धव ने एक भी कॉल का जवाब नहीं दिया, जिससे उनकी कृतघ्नता सामने आई।
इन आरोपों के बाद राजनीतिक चर्चा में तेजी आई है और विभिन्न राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। यह विवाद शिंदे और उद्धव के बीच चल रहे शिवसेना के भीतर के शक्ति संघर्ष का एक हिस्सा है। आरोप-प्रत्यारोप से राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
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