हाल ही में मुंबई के विक्रोली इलाके में गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के खिलाफ हुए प्रदर्शन ने सुर्खियां बटोरी हैं। इस प्रदर्शन के चलते संजय राउत के भाई शिवसेना (यूबीटी) के विधायक सुनील राउत और पूर्व नगरसेविका रश्मी पाहुडकर के खिलाफ विक्रोली पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
क्या है पूरा मामला?
11 अप्रैल, शुक्रवार की सुबह विक्रोली पुलिस ने सुनील राउत और रश्मी पाहुडकर के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन करने का मामला दर्ज किया। ये केस भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज हुआ है। सुनील राउत, जो शिवसेना (यूबीटी) के विधायक हैं, शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत के छोटे भाई भी हैं।
पुलिस का कहना है कि इस प्रदर्शन की वजह से ईस्टर्न एक्सप्रेसवे पर भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी, जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शन का कारण: गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतें
सुनील राउत और रश्मी पाहुडकर ने सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी के खिलाफ आवाज उठाई थी। मुंबई में 9 अप्रैल से सीएनजी की कीमत में 1.50 रुपये प्रति किलो और पीएनजी की कीमत में 1 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी लागू की गई है। इसके बाद:
- सीएनजी की कीमत अब 79.50 रुपये प्रति किलो हो गई है।
- पीएनजी की कीमत 49 रुपये प्रति यूनिट हो गई है।
इस बढ़ोतरी ने आम लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाला है, जिसके खिलाफ सुनील राउत और रश्मी पाहुडकर ने प्रदर्शन का रास्ता चुना।
संजय राउत ने भी सरकार पर साधा निशाना
शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उनका कहना है कि जब ग्लोबल क्रूड ऑयल की कीमतें कम हो रही हैं, तो गैस की कीमतें बढ़ाने का क्या औचित्य है? उन्होंने मांग की कि सरकार को उपभोक्ताओं को इस वित्तीय राहत का लाभ देना चाहिए।
संजय राउत ने बीजेपी की महिला नेताओं को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान गैस की बढ़ती कीमतों का विरोध करने वाली बीजेपी नेत्रियां अब चुप क्यों हैं? उन्होंने बीजेपी नेताओं से शिवसेना (यूबीटी) के इस विरोध में शामिल होने की अपील की।
ये मामला क्यों है अहम?
गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतें आज हर आम आदमी की चिंता का विषय बनी हुई हैं। खासकर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लिए ये बढ़ोतरी किसी बड़े आर्थिक झटके से कम नहीं है। ऐसे में इस तरह के प्रदर्शन और नेताओं की सक्रियता न केवल सरकार पर दबाव बनाती है, बल्कि जनता की समस्याओं को भी सामने लाती है।
मुंबई में गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ शिवसेना (यूबीटी) का ये प्रदर्शन भले ही विवादों में आ गया हो, लेकिन इसने एक बार फिर आम लोगों की समस्याओं को चर्चा में ला दिया है। सुनील राउत और रश्मी पाहुडकर के खिलाफ दर्ज केस ने इस मामले को और गर्म कर दिया है। अब देखना ये होगा कि इस प्रदर्शन का असर सरकार की नीतियों पर पड़ता है या नहीं।
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