महाराष्ट्र

पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम से पहली मौत, महाराष्ट्र में 101 मामलों की पुष्टि

गुलियन-बैरे सिंड्रोम
Image Source - Web

महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की है। रविवार को विभाग ने पुष्टि की कि पुणे में इस दुर्लभ बीमारी से पहली मौत दर्ज की गई है। इसके अलावा, अब तक राज्य में 101 लोग इस बीमारी से प्रभावित हो चुके हैं।

सोलापुर में संदिग्ध मौत, लेकिन विस्तृत जानकारी का अभाव
दैनिक बुलेटिन के अनुसार, सोलापुर में भी GBS से जुड़ी एक संदिग्ध मौत की सूचना है। हालांकि, इस मामले को लेकर अभी तक विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।

गंभीर हालत में 16 मरीज वेंटिलेटर पर
मिली जानकारी के अनुसार GBS से प्रभावित 16 मरीजों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। इस बीमारी के कारण मरीजों में कमजोरी और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं देखी जा रही हैं।

आयु वर्ग के आधार पर मामले
9 साल से कम उम्र के 19 बच्चे इस बीमारी के लक्षणों से पीड़ित हैं, जबकि 50-80 वर्ष के आयु वर्ग में 23 मामले दर्ज किए गए हैं।

गुलियन-बैरे सिंड्रोम क्या है?
गुलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है। इसके प्रमुख लक्षणों में मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी और कभी-कभी पूर्णतः लकवा शामिल है। अगर समय पर इलाज न हो, तो ये जानलेवा हो सकता है।

स्वास्थ्य विभाग की अपील
स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि वे बीमारी के किसी भी लक्षण, जैसे मांसपेशियों में अचानक कमजोरी या झुनझुनी, को नजरअंदाज न करें। समय पर चिकित्सा सहायता लेने से स्थिति को बिगड़ने से रोका जा सकता है।

सावधानी और जागरूकता ही बचाव है
इस स्थिति को देखते हुए, सरकार और स्वास्थ्य विभाग जनता को जागरूक करने के प्रयासों में जुटे हैं। गुलियन-बैरे सिंड्रोम दुर्लभ जरूर है, लेकिन इसके बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेना जरूरी है।

You may also like