Flying Fish: मछलियों की दुनिया हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रही है। पानी के अंदर अपनी अनोखी विशेषताओं के साथ ये जीव हमें हैरान कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी मछली भी है जो पानी में तैरने के साथ-साथ हवा में उड़ सकती है? जी हां, इस मछली को ‘फ्लाइंग फिश’ (Flying Fish) कहा जाता है।
दुनिया भर में हजारों प्रकार की मछलियां पाई जाती हैं। कुछ गहरे समुद्र में रहती हैं, तो कुछ नदियों और झीलों में। हर मछली की अपनी खासियत होती है, लेकिन ‘फ्लाइंग फिश’ (Flying Fish) बाकी मछलियों से बिल्कुल अलग है। ये मछली पानी में तैरने के अलावा, अपने पंखों की मदद से हवा में उड़ भी सकती है।
‘फ्लाइंग फिश’ का उड़ना पूरी तरह से एक अनोखा नजारा होता है। पानी से बाहर आते ही ये मछली अपने पंखों को फैलाकर ग्लाइड करना शुरू कर देती है। हालांकि ये उड़ान लंबी नहीं होती, लेकिन इसे देखना बेहद रोमांचक होता है।
फ्लाइंग फिश कैसे उड़ती है?
‘फ्लाइंग फिश’ के साइड में पंख होते हैं, जो उसे पानी से बाहर निकलकर हवा में उड़ने की क्षमता देते हैं। जब इस मछली को किसी शिकारी मछली से बचना होता है, तो ये तेजी से पानी के बाहर आकर उड़ान भरती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, ये मछली एक बार में लगभग 200 मीटर तक उड़ सकती है। इसे उड़ने के लिए ज्यादा ताकत लगानी नहीं पड़ती क्योंकि ये एक बेहतरीन ग्लाइडर है। उड़ान के दौरान ये मछली अपने पंख फैलाए रहती है, जिससे ये हवा में स्थिर बनी रहती है।
‘फ्लाइंग फिश’ का जीवन और विशेषताएं
फ्लाइंग फिश आमतौर पर 17 से 30 सेंटीमीटर लंबी होती है। इनकी आंखें पानी के अंदर और बाहर, दोनों जगहों पर साफ देखने में सक्षम होती हैं। ये विशेषता इन्हें पानी से बाहर भी सुरक्षित रखती है।
इन मछलियों को ज्यादातर गर्म पानी वाले समुद्री क्षेत्रों में देखा जा सकता है। ये मछली 20 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान वाले पानी में आसानी से उड़ सकती है। कम तापमान में इनकी मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे इनकी उड़ान पर असर पड़ता है।
कहां पाई जाती हैं फ्लाइंग फिश?
‘फ्लाइंग फिश’ ज्यादातर दुनिया के गर्म समुद्री क्षेत्रों में पाई जाती है। कैरिबियन, भारतीय महासागर, और प्रशांत महासागर जैसे स्थानों पर ये मछली आमतौर पर देखी जा सकती है।
इन मछलियों के ग्लाइडिंग करने की वजह शिकारी मछलियों से बचना है। पानी के ऊपर आते ही ये शिकारी मछलियों की पहुंच से बाहर हो जाती हैं और खुद को सुरक्षित कर लेती हैं।
वैज्ञानिकों ने पाया है कि ‘फ्लाइंग फिश’ की उड़ान क्षमता प्राकृतिक अनुकूलन (Adaptation) का बेहतरीन उदाहरण है। ये मछलियां तेजी से विकसित हुई हैं ताकि ये न केवल पानी में बल्कि हवा में भी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। इनके उड़ान की तकनीक को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने कई शोध किए हैं। उनके मुताबिक, ‘फ्लाइंग फिश’ की ये क्षमता मानव द्वारा बनाए गए हवाई जहाजों की संरचना में प्रेरणा का स्रोत भी बनी है।
‘फ्लाइंग फिश’ (Flying Fish) मछलियों की दुनिया की सबसे अनोखी प्रजातियों में से एक है। ये न केवल अपनी खूबसूरती और अनोखी उड़ान शैली से हमें हैरान करती है, बल्कि ये हमें प्रकृति की विविधता और जीवों की अद्भुत क्षमताओं के बारे में सोचने पर भी मजबूर करती है। तो अगर आप समुद्री जीवन को करीब से देखना चाहते हैं, तो ‘फ्लाइंग फिश’ को उड़ते हुए देखना निश्चित रूप से आपके लिए एक यादगार अनुभव होगा।
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