AAP सरकार पर भारी आरोप: पंजाब के पूर्व डीजीपी विरेश कुमार भावरा ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) की भगवंत मान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सरकार ने उन पर अवैध काम करने का दबाव डाला था। भावरा ने यह भी बताया कि सत्ता में आते ही मान सरकार ने उनसे इस्तीफा देने को कहा था और महत्वपूर्ण लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने को भी कहा गया था।
भावरा ने अपनी अर्जी में यह भी उल्लेख किया है कि उन्हें पद से हटाने के लिए जबरदस्ती की गई थी और इस दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए ट्रांसफर संबंधी नियमों का भी उल्लंघन किया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन पर दबाव डाला गया था कि राज्य के बाहर के कुछ लोगों को पंजाब पुलिस की ओर से सुरक्षा प्रदान की जाए, जो कि उनके अनुसार गलत था।
इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 4 जुलाई की तारीख तय की है। भावरा ने अपनी अर्जी में यह भी कहा है कि उनकी नियुक्ति पिछली सरकार द्वारा की गई थी और वह पूरी तरह वैध थी। उन्होंने यूपीएससी की ओर से तय नियमों के आधार पर ही डीजीपी बनाए गए थे, लेकिन जब उन्हें पद से हटाया गया, तो उस समय किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया। इस मामले में मौजूदा डीजीपी गौरव यादव को भी पार्टी बनाया गया है।
यह मामला न केवल पंजाब पुलिस के शीर्ष स्तर पर चल रहे विवादों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे राजनीतिक दबाव और अवैध कामों के आरोप उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारियों के कामकाज पर प्रभाव डाल सकते हैं। आगे की सुनवाई में इस मामले के विकास पर सभी की नजर रहेगी।