केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बेबाक इंटरव्यू में महाराष्ट्र की राजनीति के कई अनकहे पहलुओं को सामने रखा है। गडकरी का राजनीतिक खुलासा (Gadkari’s Political Revelation) इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।
नई राजनीतिक रणनीतियां और पुराने किस्से
राजनीति में दल-बदल का इतिहास बेहद रोचक रहा है। गडकरी का राजनीतिक खुलासा (Gadkari’s Political Revelation) एक ऐसे दौर की याद दिलाता है जब शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। गडकरी ने बताया कि कैसे पवार ने अपने समय में राजनीतिक समीकरणों को बदला। उन्होंने छगन भुजबल जैसे दिग्गज नेताओं को अपनी ओर किया और शिवसेना में भी सेंध लगाई। गडकरी के मुताबिक, यह सब राजनीति का हिस्सा था और आज भी है।
महाराष्ट्र का बदलता राजनीतिक माहौल
महाराष्ट्र में दल-बदल की राजनीति (Party-Switching Politics in Maharashtra) ने पिछले कुछ वर्षों में कई नए मोड़ लिए हैं। 2022 में शिवसेना का विभाजन एक बड़ा झटका था, जिसमें एकनाथ शिंदे ने बागी तेवर दिखाए। इसके बाद 2023 में अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी का एक बड़ा धड़ा अलग हो गया। जून के लोकसभा चुनावों में इन घटनाओं का असर साफ दिखा, जहां महाविकास अघाड़ी ने 30 सीटें जीतीं। इनमें शिवसेना यूबीटी की 9, एनसीपी एसपी की 8 और कांग्रेस की 13 सीटें शामिल थीं।
कार्यकर्ताओं की ताकत
वर्धा के अरवी में एक जनसभा के दौरान गडकरी ने भाजपा के कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने अपने पुराने दिनों की यादें साझा करते हुए बताया कि कैसे वे विदर्भ क्षेत्र में एक स्कूटर पर दो साथियों के साथ घूमते थे। गडकरी ने कहा कि भाजपा किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है, बल्कि यह उन कार्यकर्ताओं की है जिन्होंने अपना जीवन पार्टी के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह न तो प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी है और न ही उनकी।
ग्रामीण विकास और कांग्रेस की आलोचना
गडकरी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 75 सालों में पार्टी ने कभी भी ग्रामीण भारत के विकास को प्राथमिकता नहीं दी। उन्होंने कहा कि गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी थी। न तो सड़कें थीं और न ही पीने का पानी। गडकरी के अनुसार, अगर ग्रामीण भारत को प्राथमिकता मिली होती, तो आज किसान आत्महत्या नहीं करते और गांवों में गरीबी न होती।
आज का राजनीतिक परिदृश्य
वर्तमान में महाराष्ट्र की राजनीति कई मोड़ों से गुजर रही है। गडकरी का कहना है कि यह सब राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने पवार को महाराष्ट्र का सम्मानित नेता बताते हुए कहा कि एक समय था जब उनके फैसलों ने सभी दलों को प्रभावित किया था। गडकरी ने यह भी कहा कि राजनीति में ऐसा होता रहता है, और यही वजह है कि कहा जाता है कि प्यार और जंग में सब जायज है।
भविष्य की राजनीति
महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले समय में और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। गडकरी का मानना है कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है। उनका कहना है कि जनता के हित में काम करना ही सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विकास और जनकल्याण ही राजनीति का मूल मंत्र होना चाहिए।
पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र
गडकरी ने भाजपा के आंतरिक लोकतंत्र की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे पार्टी में हर कार्यकर्ता की आवाज सुनी जाती है। उनका कहना था कि भाजपा में नीचे से ऊपर तक का संगठन मजबूत है, और यही कारण है कि पार्टी लगातार आगे बढ़ रही है। गडकरी ने कहा कि कार्यकर्ताओं की मेहनत और समर्पण ही पार्टी की असली ताकत है।