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महाराशष्ट्र में गुइलेन बैरे सिंड्रोम का बढ़ रहा कहर! 2 की मौत, 127 एक्टिव मरीज

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम
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महाराष्ट्र में गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे न केवल आम जनता बल्कि प्रशासन भी चिंतित है। हाल ही में एक महिला की मौत इस बीमारी के कारण होने की आशंका जताई गई है, जबकि 16 नए मामले सामने आए हैं। अब तक इस बीमारी के कारण दो लोगों की जान जा चुकी है।

गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) क्या है?
गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खुद अपनी नसों पर हमला करने लगती है। यह आमतौर पर किसी संक्रमण के बाद विकसित होती है, खासकर कैम्पिलोबैक्टर बैक्टीरिया से होने वाले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण के बाद।

महाराष्ट्र में GBS की स्थिति
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र में अब तक कुल 127 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पुणे की 56 वर्षीय महिला, जो पहले से ही कई अन्य बीमारियों से ग्रस्त थीं, की सरकारी ससून जनरल अस्पताल में इस बीमारी से मौत हो गई।

अब तक की स्थिति:
72 मरीजों में GBS की पुष्टि हुई और उनका इलाज जारी है।
20 मरीजों की हालत गंभीर है, जिन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।
121 मल के नमूने राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) भेजे गए, जिनमें 21 में नोरोवायरस और 5 में कैम्पिलोबैक्टर की पुष्टि हुई।
200 रक्त के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए, लेकिन जीका, डेंगू और चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं हुई है।

गुइलेन बैरे सिंड्रोम के लक्षण
GBS के लक्षण व्यक्ति विशेष पर निर्भर कर सकते हैं, लेकिन आमतौर पर इनमें शामिल हैं:
हाथ-पैरों में कमजोरी या सुन्नता
चलने या संतुलन बनाए रखने में कठिनाई
तेज दर्द या ऐंठन
सांस लेने में तकलीफ (गंभीर मामलों में)
चेहरे, आंखों या जीभ की मांसपेशियों में कमजोरी

GBS से बचाव और उपचार
फिलहाल इस बीमारी का कोई निश्चित कारण पता नहीं है, लेकिन इसके जोखिम को कम करने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरती जा सकती हैं –
साफ-सफाई और हाइजीन का ध्यान रखें।
संक्रमित भोजन या पानी से बचें।
यदि आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण हुआ है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत मेडिकल सहायता लें।

गुइलेन बैरे सिंड्रोम एक गंभीर लेकिन दुर्लभ बीमारी है, जिसे समय रहते पहचाना जाए तो मरीज की स्थिति में सुधार संभव है। महाराष्ट्र में बढ़ते मामलों को देखते हुए सावधानी और सतर्कता बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी पर लगातार नजर बनाए हुए है और इसके प्रसार को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है।

अगर आपको या आपके आसपास किसी को GBS के लक्षण महसूस हों, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।

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