मुंबई के घाटकोपर में हुए होर्डिंग हादसे के संदर्भ में, आरोपी भवेश भिंडे ने दावा किया है कि जब होर्डिंग लगाई गई थी, उस समय वह निदेशक नहीं थे। हालांकि, पुलिस का कहना है कि भिंडे को इसकी अवैधता की जानकारी थी और उनकी भूमिका का मुद्दा मुकदमे का हिस्सा होगा।
पुलिस ने यह भी कहा कि इस चरण में उनसे पूछताछ करने की आवश्यकता है क्योंकि वह निदेशक थे। इस मामले में भिंडे को पुलिस हिरासत में लिया गया है और उन्हें 26 मई तक पुलिस हिरासत में रखा गया है। भिंडे की वकील ने तर्क दिया कि उन्हें निदेशक बनने से पहले होर्डिंग के लिए अनुमति दी गई थी और इसलिए उन्हें पुलिस हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए।
इस मामले में अदालत ने भिंडे को पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है और यह भी पूछा है कि उन्होंने घटना के बाद अपने निवास से भागने का प्रयास क्यों किया। इस घटना के बाद भिंडे के खिलाफ ‘गैर इरादतन हत्या’ के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस मामले में आगे की सुनवाई और जांच से यह स्पष्ट होगा कि भिंडे की भूमिका क्या थी और उन्हें किस हद तक इस हादसे के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है। यह मामला मुंबई के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई थी और यह शहर की सुरक्षा और नियमों के पालन के प्रति एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।