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आधी आबादी है पूरी तरह से अनफिट! भारतीयों को क्यों टेंशन दे रही यह रिपोर्ट!

आधी आबादी है पूरी तरह से अनफिट! भारतीयों को क्यों टेंशन दे रही यह रिपोर्ट!

एक ताज़ा रिपोर्ट ने भारतीयों की चिंता बढ़ा दी है। लैंसेट की एक स्टडी के मुताबिक, भारत की आधी से ज्यादा आबादी शारीरिक रूप से अनफिट है। अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि के मामले में भारत 195 देशों में 12वें पायदान पर है। दुनिया भर में करीब एक तिहाई (31 प्रतिशत) वयस्कों ने 2022 में शारीरिक गतिविधि के अनुशंसित स्तर को पूरा नहीं किया। यह रिपोर्ट बताती है कि 2022 में भारत में 50 प्रतिशत वयस्क फिजिकली एक्टिव नहीं थे।

शारीरिक गतिविधियों की कमी

लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, 2000 से 2022 के बीच 197 देशों के लोगों पर स्टडी की गई थी। जिसमें पाया गया कि 2022 में 52.6 प्रतिशत महिलाएं और 38.4 प्रतिशत पुरुष शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं थे। 42 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 57 प्रतिशत ज्यादा महिलाएं शारीरिक रूप से निष्क्रिय थीं। सबसे चिंता की बात यह है कि भारतीय वयस्कों में फिजिकली इनएक्टिव होना 2000 में 22.3 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 49.4 प्रतिशत हो गया है। इसका मतलब है कि 2030 तक हमारी आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा शारीरिक रूप से निष्क्रिय हो जाएगा।

फिजिकली इनएक्टिव किसे कहते हैं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, अगर कोई भी वयस्क हफ्ते में 150 मिनट से कम और किसी किशोर की शारीरिक गतिविधि 60 मिनट से कम है तो उसे फिजिकली इनएक्टिव माना जाएगा। डब्लूएचओ की सिफारिश के मुताबिक, सभी वयस्कों के लिए हफ्ते में कम से कम 150 से 300 मिनट की मध्यम एरोबिक गतिविधि जरूरी है। शारीरिक निष्क्रियता वाले वयस्कों में दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, टाइप 2 डायबिटीज, मनोभ्रंश और कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।

भारत में शारीरिक निष्क्रियता का स्तर

अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि के मामले में भारत 195 देशों में 12वें पायदान पर है। दुनिया भर में, करीब 1.8 बिलियन लोगों ने 2022 में शारीरिक गतिविधि के अनुशंसित स्तर को पूरा नहीं किया। WHO में डारेक्टर ऑफ हेल्थ प्रमोशन डॉ. रुडिगर क्रेच का कहना है कि इसका कारण काम के पैटर्न में बदलाव, पर्यावरण में बदलाव, सुविधाजनक परिवहन मोड और ख़ाली समय की गतिविधियों में बदलाव शामिल है। सबसे ज्यादा शारीरिक निष्क्रियता एशिया-प्रशांत क्षेत्र (48 प्रतिशत) और दक्षिण एशिया (45 प्रतिशत) में सामने आई है।

2030 तक स्थिति कितनी खराब होगी?

लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, 2010 में दुनियाभर के 26.4 प्रतिशत वयस्क शारीरिक रूप से इनएक्टिव थे। साल 2000 में 22 प्रतिशत से ज्यादा एडल्ट शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं थे, जबकि 2010 तक यह आंकड़ा 34 प्रतिशत तक पहुंच गया। अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो 2030 तक करीब 60 प्रतिशत एडल्ट फिजिकली अनफिट हो जाएंगे। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि 60 साल की उम्र के महिलाएं और पुरुष शारीरिक गतिविधियों में कम एक्टिव हैं।

शारीरिक गतिविधि की अहमियत

शारीरिक गतिविधि न केवल हमारे शरीर को फिट और तंदुरुस्त रखती है, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में फिट इंडिया कैंपेन लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य देश के लोगों को शारीरिक रूप से सक्रिय और स्वस्थ बनाना था। हालांकि, इसके बावजूद भी लोग शारीरिक गतिविधियों के प्रति लापरवाह बने हुए हैं।

लैंसेट की इस रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की सख्त जरूरत है। शारीरिक गतिविधियों को अपने रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाना होगा ताकि हम आने वाले समय में स्वस्थ और तंदुरुस्त रह सकें। देश की आधी से ज्यादा आबादी का फिजिकली अनफिट होना एक गंभीर समस्या है, जिसे हमें मिलकर हल करना होगा।

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