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हेमंत vs चंपई सोरेन: जेएमएम में छिड़ी जंग, क्या टूटेगी पार्टी? पढ़िए इनसाइड स्टोरी

हेमंत vs चंपई सोरेन: जेएमएम में छिड़ी जंग, क्या टूटेगी पार्टी? पढ़िए इनसाइड स्टोरी
झारखंड की राजनीति में इन दिनों बड़ा उथल-पुथल मचा हुआ है। जेएमएम के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने पार्टी से नाराजगी जताते हुए नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला और इसके क्या हो सकते हैं नतीजे।

चंपई सोरेन की नाराजगी की वजह

चंपई सोरेन पिछले कुछ दिनों से जेएमएम और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ मुखर हो रहे थे। उनका कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाकर अपमानित किया गया। चंपई सोरेन को लगता है कि पार्टी में उनकी अनदेखी की जा रही है। इसी वजह से उन्होंने नई पार्टी बनाने का फैसला किया है।

हेमंत सोरेन की चाल

हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन के मामले में बड़ी सूझबूझ दिखाई है। उन्होंने न तो चंपई को मंत्रिमंडल से हटाया और न ही उनके खिलाफ कोई कड़ा बयान दिया। हेमंत की रणनीति है कि वो अपने विरोधियों को ज्यादा तवज्जो न देकर धीरे-धीरे उन्हें किनारे कर देते हैं। इसी रणनीति के तहत वो चंपई को भी हैंडल कर रहे हैं।

चंपई सोरेन के सामने क्या हैं विकल्प?

चंपई सोरेन के पास अब कुछ ही विकल्प बचे हैं। वो नई पार्टी बना सकते हैं, लेकिन चुनाव नजदीक होने की वजह से यह आसान नहीं होगा। दूसरा विकल्प है किसी मौजूदा पार्टी या गुट के साथ मिलकर काम करना। कुछ लोगों का मानना है कि वो जयराम महतो के साथ मिलकर नया मोर्चा बना सकते हैं। हालांकि यह भी आसान नहीं होगा क्योंकि दोनों की विचारधारा में काफी अंतर है।

झारखंड की राजनीति में ऐसे कई मौके आए हैं जब नई पार्टियां बनीं, लेकिन वो ज्यादा दिन नहीं चल पाईं। चंपई सोरेन के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती होगी कि वो अपनी नई पार्टी को कैसे मजबूत करें और लोगों का समर्थन हासिल करें।

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि चंपई सोरेन किस रास्ते पर चलते हैं और जेएमएम इस चुनौती से कैसे निपटती है। झारखंड की राजनीति में यह एक नया मोड़ साबित हो सकता है।

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