मुंबई

दिवाली पर पैसे मांगने को लेकर साथी ग्रामीण की हत्या के आरोपी को मुंबई हाई कोर्ट ने दी ज़मानत

दिवाली पर पैसे मांगने को लेकर साथी ग्रामीण की हत्या के आरोपी को मुंबई हाई कोर्ट ने दी ज़मानत

मुंबई हाई कोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति को ज़मानत दे दी है जिसपर 2021 में दिवाली के लिए पैसे मांगने पर अपने ही गाँव के रहने वाले सीताराम खांडू की हत्या का आरोप है। कोर्ट 21 वर्षीय तापिन विश्वकर्मा की ज़मानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसे हडपसर पुलिस ने अन्य आरोपियों के साथ 7 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया था।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 6 नवंबर, 2021 को आरोपी रात 8 बजे के बाद शराब पी रहे थे। कहा जाता है कि सीताराम ने जब उनसे दिवाली के पैसे मांगे तो आरोपियों और सीताराम के बीच कहासुनी हो गई। इसके बाद आरोपियों ने चाकू से सीताराम पर हमला कर दिया। सीताराम के भाई तुलसीराम को किसी जानकार ने बताया कि वह पास में घायल हालत में पड़ा है। सीताराम की पत्नी के साथ तुलसीराम उसे ससून अस्पताल ले गए। रास्ते में, सीताराम ने कथित तौर पर अपने भाई को बताया कि तापिन, निरंजन और शेरबहादुर विश्वकर्मा ने दिवाली के लिए पैसे मांगने पर उसके साथ मारपीट की।

तापिन के वकील गणेश गुप्ता ने ज़मानत याचिका में कहा कि यह घटना अचानक हुई थी और इसमें पहले से कुछ भी सोचा-समझा नहीं था। सभी लोग शराब पी रहे थे तभी किसी बात पर झगड़ा हो गया और सीताराम पर हमला हुआ। वकील ने कहा कि पूरा मामला ही परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित है,  इसके अलावा इसी मामले में आरोपी निरंजन को जनवरी 2023 में हाई कोर्ट से ज़मानत मिल चुकी है।

राज्य के वकील समीर मंगनकर ने ज़मानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि तापिन ने खुद एक रमेश विश्वकर्मा नाम के व्यक्ति को बताया था कि उसने सीताराम के साथ मारपीट की है। साथ ही, तापिन के बताने पर ही पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल चाकू और खून से सने कपड़े बरामद किए थे।

कोर्ट ने तापिन को ज़मानत देते हुए कई बातों का ज़िक्र किया। सबसे अहम बात यह थी कि मुकदमे की सुनवाई में कोई खास प्रगति नहीं हो रही है, वहीं अभियोजन पक्ष को 25 गवाहों से पूछताछ करनी है जिसमें काफ़ी लंबा समय लग सकता है। कोर्ट ने यह भी माना कि  पहली नज़र में बचाव पक्ष की इस बात में दम लगता है कि यह घटना अचानक हुई थी। इसके अलावा, आरोपी तापिन का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उसपर भागने का खतरा भी नहीं जान पड़ता।

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