Thane Espionage Uncovered: मुंबई के पास ठाणे में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं। यह कहानी एक 27 वर्षीय युवक रवि वर्मा की है, जो एक रक्षा कंपनी में जूनियर इंजीनियर के तौर पर काम करता था। इस कंपनी का भारतीय नौसेना के साथ अनुबंध था। वर्मा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एक जासूस ने “हनी ट्रैप” (Honey Trap) में फँसाया और उससे संवेदनशील जानकारी हासिल की। इस घटना को “पाकिस्तानी जासूसी” (Pakistani Espionage) और “नौसेना सुरक्षा उल्लंघन” (Naval Security Breach) के नाम से जाना जा रहा है। आइए, इस घटना की पूरी कहानी को सरल और आकर्षक तरीके से समझते हैं।
रवि वर्मा, जो ठाणे के कलवा में रहता था, एक ऐसी रक्षा कंपनी में काम करता था, जिसे भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम करने का जिम्मा सौंपा गया था। उसका काम उसे मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड तक पहुँच देता था, जहाँ वह युद्धपोतों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में काम करता था। लेकिन उसकी एक गलती ने उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंट का निशाना बना दिया। वर्मा ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर अपनी कंपनी का नाम और फोन नंबर सार्वजनिक कर रखा था। यह जानकारी पाकिस्तानी जासूसों के लिए उसे फँसाने का एक आसान रास्ता बन गया।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंट, जिसे पीआईओ (पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव) के रूप में जाना जाता है, ने वर्मा को फँसाने के लिए एक सुनियोजित “हनी ट्रैप” (Honey Trap) का सहारा लिया। इस जासूस ने खुद को पंजाब यूनिवर्सिटी की छात्रा “प्रीति” के रूप में पेश किया और फेसबुक मैसेंजर के जरिए वर्मा से संपर्क किया। उसने कहा कि उसे अपने कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए जहाज निर्माण से जुड़ी जानकारी चाहिए। वर्मा ने शुरू में उसे ब्लॉक कर दिया, लेकिन जासूस ने हार नहीं मानी। उसने एक नया फर्जी अकाउंट बनाया, जिसमें उसने खुद को “अशप्रीत” बताया और फिर से संपर्क किया। इस बार उसने भावनात्मक दबाव डाला कि अगर वर्मा ने मदद नहीं की, तो वह अपने प्रोजेक्ट में फेल हो जाएगी।
समय के साथ, जासूस ने वर्मा का विश्वास जीत लिया। उसने व्हाट्सएप पर वर्मा से बात शुरू की और धीरे-धीरे उसे अपने जाल में फँसा लिया। वर्मा इतना प्रभावित हो गया कि उसने मुंबई बंदरगाह के प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाकर बनाए गए जहाजों के नक्शों की तस्वीरें जासूस को भेज दीं। इतना ही नहीं, उसने एक तथाकथित “प्रोफेसर” से भी बात की, जिसे वह “सर” कहकर संबोधित करता था। इस दौरान, जासूस ने वर्मा को उसकी बहन के बच्चों के लिए उपहार खरीदने के लिए 15,000 रुपये भी भेजे। यह राशि छोटी लग सकती है, लेकिन इसका मकसद वर्मा का भरोसा और गहरा करना था। उसकी बहन ने जासूस से झगड़ा भी किया और उसे अपने भाई से दूर रहने को कहा, लेकिन तब तक वर्मा पूरी तरह फँस चुका था और उसने कई संवेदनशील जानकारियाँ साझा कर दी थीं।
महाराष्ट्र की आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) को गुप्त सूचना मिली थी कि वर्मा पाकिस्तानी जासूसों के संपर्क में है। इसके बाद, नवंबर 2024 से मार्च 2025 तक वर्मा ने जो जानकारी साझा की, उसकी जाँच शुरू हुई। एटीएस ने पाया कि वर्मा ने जानबूझकर और बार-बार संवेदनशील जानकारी साझा की, जिसमें युद्धपोतों और पनडुब्बियों के नक्शे शामिल थे। उसने इसके बदले में भारत और विदेश से विभिन्न बैंक खातों के जरिए पैसे भी प्राप्त किए। इस “पाकिस्तानी जासूसी” (Pakistani Espionage) के मामले में वर्मा को 27 मई 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके साथ दो अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया, जिनका जासूसों के साथ संपर्क था। वर्मा के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की धारा 3 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया।
यह घटना केवल एक व्यक्ति की गलती की कहानी नहीं है। यह “नौसेना सुरक्षा उल्लंघन” (Naval Security Breach) का एक गंभीर मामला है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन गया। वर्मा की कंपनी ने स्पष्ट नियम बनाए थे कि कर्मचारियों को संवेदनशील जानकारी साझा नहीं करनी है, लेकिन उसने इन नियमों का उल्लंघन किया। एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा करना कितना खतरनाक हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो संवेदनशील क्षेत्रों में काम करते हैं। वर्मा ने अपने फोन नंबर और कंपनी का नाम सार्वजनिक कर रखा था, जिसने उसे आसान शिकार बना दिया।
इस मामले ने यह भी दिखाया कि पाकिस्तानी जासूस कितनी चालाकी से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। फर्जी प्रोफाइल बनाकर और भावनात्मक रिश्तों का जाल बुनकर वे संवेदनशील जानकारी हासिल कर लेते हैं। वर्मा को ठाणे की अदालत में पेश किया गया, जहाँ उसकी हिरासत को बढ़ा दिया गया। यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है, जो रक्षा क्षेत्रों में काम करते हैं, कि उन्हें अपनी ऑनलाइन मौजूदगी को सावधानी से संभालना चाहिए।
#HoneyTrap #PakistaniEspionage #NavalSecurityBreach #ThaneArrest #IndianNavy
ये भी पढ़ें: ESIC Hospitals: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला, 10 नए अस्पतालों को मंजूरी, 2 करोड़ लाभार्थियों को मिलेगा लाभ