एक सामान्य कार्यदिवस की शुरुआत, लेकिन पालघर के जेपी उद्योगनगर में लिंबानी सॉल्ट इंडस्ट्रीज में काम कर रहे मजदूरों के लिए ये दिन काल बनकर आया। गुरुवार को केमिकल प्रक्रिया के दौरान अचानक हुए जोरदार विस्फोट ने न सिर्फ फैक्ट्री को हिलाकर रख दिया, बल्कि आसपास के इलाकों में भी दहशत फैला दी। इस हादसे में 38 वर्षीय दीपक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य मजदूरों की जिंदगी अब अस्पताल के बिस्तर पर जूझ रही है।
हादसे का भयावह मंजर
लिंबानी सॉल्ट इंडस्ट्रीज में उस समय पांच मजदूर काम कर रहे थे, जब एक केमिकल रिएक्शन ने विनाशकारी रूप ले लिया। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग सहम गए। 55 वर्षीय सुरेश कोम की पीठ पर गंभीर जलन के निशान हैं, जबकि 40 वर्षीय दिनेश गदग के चेहरे पर गहरी चोटें आई हैं। दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है। अन्य दो मजदूर, 60 वर्षीय लक्ष्मण मंडल और 51 वर्षीय संतोष तारे, हल्की चोटों के साथ बच गए। घायलों को तुरंत ढवले अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
पुलिस और फायर ब्रिगेड का एक्शन
हादसे की सूचना मिलते ही पालघर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। पालघर के पुलिस अधीक्षक यतीश देशमुख ने बताया कि प्रारंभिक जांच में केमिकल रिएक्शन के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी इस हादसे का कारण हो सकती है। हालांकि, सटीक कारण जानने के लिए गहन जांच चल रही है।
स्थानीय लोगों का गुस्सा, सुरक्षा पर सवाल
स्थानीय लोग और मजदूर संगठन इस हादसे से आक्रोशित हैं। उनका आरोप है कि फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता, जिसके चलते इस तरह की घटनाएं बार-बार होती हैं। कई मजदूरों ने बताया कि प्रबंधन द्वारा उचित सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षण की कमी लंबे समय से चली आ रही है। ये हादसा उन तमाम मजदूरों की अनसुनी आवाज को सामने लाता है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं।
ये त्रासदी हमें औद्योगिक सुरक्षा की अहमियत की याद दिलाती है। दीपक जैसे मजदूर, जो अपने परिवार के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, उनकी जिंदगी की कीमत क्या यूं ही चुकानी होगी? ये घटना फैक्ट्री मालिकों और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज करने की कीमत अब और नहीं चुकाई जानी चाहिए। दीपक की आत्मा को शांति मिले, और घायलों को जल्द स्वास्थ्य लाभ हो, यही प्रार्थना है।
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