Hospital refused treatment: नवी मुंबई के एक अस्पताल पर बड़ा आरोप लगा है। एक 12 साल के बच्चे की सांप के काटने से मौत के बाद उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) ने अस्पताल को लापरवाही का दोषी पाया है। इस मामले में अस्पताल को भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
दरअसल ये मामला साल 2007 का है, लेकिन अभी इसका फैसला आया है। बच्चे के परिवार का कहना है कि उनके पास इलाज का पैसा नहीं था, जिसके कारण अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था और उन्हें सरकारी अस्पताल जाने को कहा था।
क्या है पूरा मामला?
परिवार ने आरोप लगाया है कि महात्मा गांधी मिशन (MGM) अस्पताल ने उनके बच्चे को भर्ती नहीं किया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। बच्चे के पिता ने बताया कि डॉक्टर ने उनसे सीधे तौर पर कहा कि उनके पास इलाज के पैसे नहीं है, इसलिए वो किसी सरकारी अस्पताल में चले जाएं। काफी मिन्नतों के बाद डॉक्टर ने एक 500 रुपये का इंजेक्शन लिखा। इस इंजेक्शन के लिए भी पिता को अपनी पत्नी के गहने गिरवी रखने पड़े।
अदालत ने अस्पताल को ठहराया दोषी
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (National Consumer Dispute Redressal Commission) ने अस्पताल के रवैये की कड़ी निंदा की है। अदालत ने अस्पताल और इलाज करने वाले डॉक्टर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कहा कि इलाज में लापरवाही हुई थी और इसी वजह से बच्चे की जान चली गई।
ये मामला अस्पतालों की लापरवाही और कई बार उनके सिर्फ पैसा कमाने के लालच को सामने लाता है। गरीब लोगों के साथ अक्सर अस्पतालों में भेदभाव होता है, जो बेहद दुखद है। कोर्ट ने अस्पताल द्वारा बच्चे का पोस्टमार्टम ना करवाने पर भी सवाल उठाया है।
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