RCB की हार का असली विलेन? रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के लिए क्वालीफायर 2 में जगह बनाने का सपना युजवेंद्र चहल ने चकनाचूर कर दिया। ये वही चहल हैं, जो RCB के लिए आठ सीज़न तक खेले और 2022 की नीलामी में उन्हें टीम में नहीं रखा गया। उन्होंने विराट कोहली का अहम विकेट लेकर RCB की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
चहल को न रोकना RCB की सबसे बड़ी भूल
चहल को टीम से बाहर करना RCB की सबसे बड़ी गलती साबित हुई। वो RCB के सबसे भरोसेमंद गेंदबाज़ों में से एक थे, जिन्होंने सबसे ज्यादा विकेट भी लिए थे। उन्होंने तो खुद भी एक पॉडकास्ट में कहा था कि उन्हें RCB ने रिटेन न करके बहुत बुरा लगा। इस सीज़न में चहल ने अकेले ही 18 विकेट लिए, जबकि RCB के सारे स्पिनर मिलाकर सिर्फ 22 विकेट ले पाए।
गलत नीलामी, गलत फैसले
चहल की कमी पूरे सीजन RCB को खली। उनके पास कोई भी ऐसा स्पिनर नहीं था, जो लीड स्पिनर की भूमिका निभा सके। कर्ण शर्मा, स्वप्निल सिंह और मयंक डागर जैसे स्पिनरों को मौका दिया गया, लेकिन वो चहल की कमी नहीं पूरी कर पाए। RCB के पूर्व कोच माइक हेसन भी मानते हैं कि स्पिन गेंदबाजी में कमी ही उनकी सबसे बड़ी गलती थी।
कैमरन ग्रीन पर दांव भी नहीं आया काम
RCB ने स्पिनर की जगह कैमरन ग्रीन जैसे महंगे ऑलराउंडर पर दांव लगाया, लेकिन ये दांव भी उल्टा पड़ गया। ग्रीन से RCB को जिस तरह की स्किल्स की उम्मीद थी, वो वैसी परफॉर्म नहीं कर पाए।
बल्लेबाजी में भी रही कमजोरी
चहल की कमी के अलावा, RCB की बल्लेबाजी में भी कमजोरियां दिखीं। कोहली और डु प्लेसिस ने तो अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन मिडिल ऑर्डर में पावर की कमी दिखी। युवा भारतीय बल्लेबाजों को मौका नहीं देने की भी आलोचना हुई।