मुंबई की ब्रोकिंग और निवेश बैंकिंग कंपनी ICICI सिक्योरिटीज़ के शेयर बाजार से हटने के प्रस्ताव को शेयरधारकों ने मंज़ूरी दे दी है। अल्पमत शेयरधारकों के 72% वोट मिले हैं, जो इसे पारित करने के लिए ज़रूरी संख्या से अधिक है।
शेयर बाजार से हटने (डीलिस्टिंग) के बाद ICICI सिक्योरिटीज़ का अपनी मूल कंपनी ICICI बैंक के साथ विलय हो जाएगा। ICICI बैंक पहले से ही ICICI सिक्योरिटीज़ की 74.77% की बहुसंख्यक हिस्सेदार रही है।
इस विलय के बाद से ICICI सिक्योरिटीज़, ICICI बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन जाएगी। ब्रोकरेज फर्म के 100 शेयरों के बदले शेयरधारकों को ICICI बैंक के 67 शेयर मिलेंगे। डीलिस्टिंग से पहले दोनों कंपनियों के शेयरों की अदला-बदली (स्वैप) की दर तय हो चुकी है।
सेबी के एक नए नियम के अनुसार, समान कारोबार वाली सहायक कंपनी को शेयर बाजार से हटाने के लिए रिवर्स बुक बिल्डिंग की प्रक्रिया की ज़रूरत नहीं है। ICICI बैंक इस नियम का फ़ायदा उठाने वाली पहली कंपनी है। इस कदम से और भी कंपनियों को प्रोत्साहन मिल सकता है।
प्रॉक्सी सलाहकार फर्मों ने ICICI सिक्योरिटीज़ की डीलिस्टिंग का समर्थन करते हुए शेयरधारकों से पक्ष में मत डालने की सिफारिश की थी। कंपनी का कहना है कि प्रतिस्पर्धी माहौल के चलते अलग से सूचीबद्ध रहने से कारोबार पर असर पड़ सकता था।