देश-विदेश

Illegal Alcohol and Blindness: अवैध शराब से मौत का सफर, जानें कैसे सस्ती शराब ले लेती है आंखों की रोशनी और जिंदगी

Illegal Alcohol and Blindness: अवैध शराब से मौत का सफर, जानें कैसे सस्ती शराब ले लेती है आंखों की रोशनी और जिंदगी
Illegal Alcohol and Blindness: बिहार समेत देश के कई हिस्सों में अवैध शराब पीने से लोगों की जान जा रही है। इसके साथ ही, कुछ लोग अपनी आंखों की रोशनी भी खो रहे हैं। सवाल उठता है, आखिर शराब जहरीली कैसे हो जाती है और कौन सा केमिकल इसका जिम्मेदार है?

अवैध शराब: क्या है असली कारण?

अवैध शराब (Illegal Alcohol) आमतौर पर कच्चे तरीके से बनाई जाती है, जिसे ‘कच्ची शराब’ के नाम से भी जाना जाता है। यह शराब सस्ती होती है और आमतौर पर मजदूर वर्ग और गरीब तबके के लोग इसका सेवन करते हैं। इसमें कई खतरनाक केमिकल मिलाए जाते हैं, जिनसे यह शराब जहरीली हो जाती है। इसके सेवन से न केवल लोगों की मौत हो जाती है, बल्कि कई बार वे अपनी आंखों की रोशनी (Loss of eyesight) भी गंवा देते हैं।

कच्ची शराब बनाने के लिए गुड़, पानी और यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, इसे ज्यादा नशीला बनाने के लिए नौसादर और ऑक्सिटोसिन जैसे केमिकल्स भी मिलाए जाते हैं। यही केमिकल्स शराब को जहरीला बनाते हैं और इसे पीने से व्यक्ति की जान पर बन आती है।

मिथाइल अल्कोहल: असली अपराधी

शराब के जहरीला होने का मुख्य कारण मिथाइल अल्कोहल (Methyl Alcohol) होता है। जब शराब बनाने की प्रक्रिया के दौरान तापमान का सही ध्यान नहीं रखा जाता, तो इथाइल अल्कोहल की जगह मिथाइल अल्कोहल बन जाता है, जो शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित होता है।

मिथाइल अल्कोहल, शरीर में जाकर फार्मिक एसिड (Formic Acid) में बदल जाता है। यह फार्मिक एसिड नर्वस सिस्टम को ब्रेकडाउन करता है, जिससे आंखों की नसें सूख जाती हैं और मरीज की आंखों की रोशनी चली जाती है। फार्मिक एसिड का असर इतना घातक होता है कि व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

कच्ची शराब के सेवन से होने वाली बीमारियाँ

डॉक्टरों के अनुसार, अवैध शराब (Illegal Alcohol) के सेवन से कार्डियोमायोपैथी और ऑप्टिक न्यूरोपैथी जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं। कार्डियोमायोपैथी में मरीज के दिल का साइज बड़ा हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, ऑप्टिक न्यूरोपैथी में आंख की नसें सूख जाती हैं, जिससे मरीज अंधा हो जाता है।

मिथाइल अल्कोहल का असर धीरे-धीरे बढ़ता है और इसका अंतिम परिणाम घातक होता है। कई बार इसे शराब में और अधिक नशीला बनाने के लिए यूरिया और ऑक्सिटोसिन जैसे खतरनाक केमिकल्स भी मिला दिए जाते हैं, जो इस प्रक्रिया को और भी घातक बना देते हैं।

फार्मिक एसिड: जानलेवा केमिकल

फार्मिक एसिड, जो मिथाइल अल्कोहल के शरीर में जाने पर बनता है, नर्वस सिस्टम और आंखों की नसों को सीधे प्रभावित करता है। चींटी के काटने से जो हल्का फार्मिक एसिड बनता है, उसे भी सहन करना मुश्किल होता है, जबकि अवैध शराब में मौजूद फार्मिक एसिड का असर लाखों गुना ज्यादा होता है।

डॉक्टरों के अनुसार, फार्मिक एसिड का असर सबसे पहले ऑप्टिक नर्व पर पड़ता है, जिससे आंखों की नसें काम करना बंद कर देती हैं और मरीज अंधा हो जाता है। इसके साथ ही, फार्मिक एसिड शरीर के अन्य अंगों को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है और अंततः व्यक्ति की मौत हो जाती है।

शराबबंदी और अवैध शराब

बिहार जैसे राज्यों में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब (Illegal Alcohol) का धंधा फल-फूल रहा है। हर साल, राज्य में अवैध शराब के सेवन से सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक इस अवैध धंधे पर सख्ती से रोक नहीं लगाई जाएगी, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी और निर्दोष लोग अपनी जान और आंखों की रोशनी (Loss of eyesight) खोते रहेंगे।

 #IllegalAlcohol #HoochTragedy #MethylAlcohol #BiharLiquorBan #ToxicAlcohol

ये भी पढ़ें: Kedar Dighe: उद्धव ठाकरे का बड़ा दांव, आनंद दिघे के रिश्तेदार को शिंदे के खिलाफ मैदान में उतार कर की सीधी टक्कर!

You may also like