महाराष्ट्रमुंबई

Kedar Dighe: उद्धव ठाकरे का बड़ा दांव, आनंद दिघे के रिश्तेदार को शिंदे के खिलाफ मैदान में उतार कर की सीधी टक्कर!

Kedar Dighe: उद्धव ठाकरे का बड़ा दांव, आनंद दिघे के रिश्तेदार को शिंदे के खिलाफ मैदान में उतार कर की सीधी टक्कर!
Kedar Dighe: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने ठाणे की हॉट सीट कोपरी-पंचपाखड़ी से केदार दिघे को उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ यह मुकाबला खासा चर्चा में है। केदार दिघे का नाम राजनीति में नया नहीं है, क्योंकि वह दिवंगत नेता आनंद दिघे के रिश्तेदार हैं, जिन्हें एकनाथ शिंदे का राजनीतिक गुरु माना जाता है।

केदार दिघे की राजनीतिक पृष्ठभूमि:

केदार दिघे का नाम इसलिए और महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि वह शिवसेना के कद्दावर नेता आनंद दिघे के रिश्तेदार हैं। आनंद दिघे को ठाणे में शिवसेना को मज़बूत करने का श्रेय दिया जाता है, और उनकी छवि एक प्रभावशाली और समर्पित नेता की रही है। बाल ठाकरे ने ठाणे में पार्टी की कमान आनंद दिघे को सौंपी थी, और उन्होंने इसे बखूबी निभाया।

अब, जब केदार दिघे को “एकनाथ शिंदे के खिलाफ शिवसेना का उम्मीदवार” (Shiv Sena candidate against Eknath Shinde) घोषित किया गया है, तो यह राजनीतिक समीकरण काफी रोचक हो गया है। शिवसेना (यूबीटी) ने यह कदम एक रणनीतिक चाल के रूप में उठाया है ताकि ठाणे के इस हॉट सीट पर शिंदे को कड़ी टक्कर दी जा सके।

शिवसेना (यूबीटी) की रणनीति:

केदार दिघे (Kedar Dighe) का नाम उम्मीदवार के रूप में आने के बाद यह स्पष्ट है कि उद्धव ठाकरे ने ठाणे की सीट को जीतने के लिए एक बड़ी चाल चली है। शिवसेना (यूबीटी) ने जब अपनी लिस्ट जारी की, तो यह तय हो गया कि कोपरी-पंचपाखड़ी में यह मुकाबला एकतरफा नहीं होगा। उद्धव ठाकरे की यह रणनीति शिंदे के गढ़ में सेंध लगाने की है।

आनंद दिघे के नाम का इस्तेमाल कर उद्धव ठाकरे ने शिंदे के समर्थकों के सामने एक चुनौती पेश की है। यह चुनाव केवल दो व्यक्तियों के बीच नहीं है, बल्कि यह ठाकरे परिवार और शिंदे परिवार के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई है। शिवसेना (यूबीटी) की लिस्ट में कई अन्य प्रमुख नाम भी शामिल हैं, लेकिन “केदार दिघे” (Kedar Dighe) की उम्मीदवारी को सबसे ज्यादा महत्व दिया जा रहा है।

कोपरी-पंचपाखड़ी का चुनावी महत्व:

कोपरी-पंचपाखड़ी विधानसभा सीट हमेशा से ही महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण रही है। इस बार यह सीट इसलिए भी खास है क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। ठाणे में एकनाथ शिंदे की पकड़ बहुत मजबूत मानी जाती है, लेकिन शिवसेना (यूबीटी) ने इस सीट को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। केदार दिघे के नाम का ऐलान कर उद्धव ठाकरे ने अपने इरादों को साफ कर दिया है।

शिवसेना (यूबीटी) की ओर से उठाया गया यह कदम राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। खासकर तब, जब “एकनाथ शिंदे के खिलाफ शिवसेना का उम्मीदवार” (Shiv Sena candidate against Eknath Shinde) के तौर पर केदार दिघे की घोषणा की गई। यह मुकाबला केवल एक राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि ठाणे की राजनीति के भविष्य का फैसला भी करेगा।

केदार दिघे की उम्मीदवारी ने एकनाथ शिंदे के खिलाफ ठाणे के चुनाव को और भी रोचक बना दिया है। इस मुकाबले में कौन जीतता है, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट है कि शिवसेना (यूबीटी) ने शिंदे को टक्कर देने के लिए ठोस योजना बनाई है। आनंद दिघे की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, केदार दिघे कोपरी-पंचपाखड़ी की हॉट सीट पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं।

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