Bangladesh Border Fencing Dispute: भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर तारबंदी (Fencing) का मुद्दा एक पुरानी लेकिन अहम समस्या है। हाल ही में, भारत सरकार ने बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त को समन भेजकर सीमा पर सुरक्षा उपायों पर चर्चा की।
बांग्लादेश ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा फेंसिंग के निर्माण को लेकर आपत्ति जताई, जिसका कारण 1975 की सीमा समझौते के अनुसार 150 गज के भीतर किसी भी प्रकार की रक्षा संरचना (Defence Structure) का निर्माण न करने की शर्त है। भारत इस तारबंदी को रक्षा संरचना नहीं मानता, जबकि बांग्लादेश इसे समझौते का उल्लंघन मानता है।
फेंसिंग का महत्व (Importance of Fencing)
सीमा पर फेंसिंग का मुख्य उद्देश्य सीमा पार अपराधों को रोकना और पशुओं के अवैध आवागमन पर अंकुश लगाना है। BSF के अनुसार, सिंगल रो फेंसिंग (Single Row Fencing) का कोई रक्षा खतरा नहीं है। यह केवल तार की बाड़ है, जो ठोस दीवार, बंकर या स्टील टावर जैसी संरचना नहीं है। फिर भी, बांग्लादेश इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।
Bangladesh Border Fencing Dispute: सीमा पर विवादित क्षेत्र
पश्चिम बंगाल के मालदा और कूचबिहार में हाल ही में फेंसिंग को लेकर विवाद हुआ। स्थानीय ग्रामीणों ने सीमा पर तारबंदी शुरू की थी, लेकिन बांग्लादेश के सीमा रक्षक बल (BGB) ने इसका विरोध किया। कुछ स्थानों पर सीमा के इतने निकट गांव हैं कि फेंसिंग 150 गज से कम दूरी पर ही संभव है। ऐसे मामलों में, दोनों देशों के बीच समझौते से निर्माण कार्य होता है।
समझौते के आधार पर सीमा निर्माण (Construction Based on Agreements)
1975 के दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि फेंसिंग 150 गज के भीतर होनी हो, तो दोनों देशों को आपसी सहमति बनानी होती है। यह सहमति प्राप्त करने के लिए लगातार ध्वज बैठकें (Flag Meetings) होती हैं। इसके बावजूद, कई बार असहमति बनी रहती है, खासकर जहां नदी की सीमा है।
क्यों है यह विवाद (Why Is This Dispute Significant?)
बांग्लादेश का तर्क है कि फेंसिंग से स्थानीय निवासियों की आवाजाही में बाधा आती है। इसके अलावा, स्मार्ट फेंसिंग (Smart Fencing), जिसमें सीसीटीवी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं, को लेकर भी आपत्तियां हैं। उनका दावा है कि यह तकनीक भारत को उनके क्षेत्र पर नजर रखने की क्षमता देती है।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर फेंसिंग विवाद एक जटिल विषय है, जिसमें भूगोल, सुरक्षा, और राजनयिक संबंधों का मिश्रण है। दोनों देशों को पारस्परिक विश्वास और सहयोग के आधार पर इस समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए।
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