देश-विदेश

OIC Backs Pakistan: भारत-पाक तनाव; OIC के 57 देशों ने दिया पाकिस्तान को समर्थन, कश्मीर मुद्दा फिर सुर्खियों में

OIC Backs Pakistan: भारत-पाक तनाव; OIC के 57 देशों ने दिया पाकिस्तान को समर्थन, कश्मीर मुद्दा फिर सुर्खियों में

OIC Backs Pakistan: दक्षिण एशिया में तनाव की एक नई लहर ने वैश्विक मंच पर हलचल मचा दी है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिसके बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने इस स्थिति का फायदा उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर समर्थन जुटाने की कोशिश शुरू कर दी। 57 देशों के संगठन, ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC), ने पाकिस्तान के पक्ष में अपनी एकजुटता जाहिर की है। यह घटनाक्रम भारत-पाक तनाव (India-Pakistan Tension) को और जटिल बना रहा है। आइए, इस कहानी को विस्तार से समझते हैं।

पहलगाम का आतंकी हमला न केवल भारत के लिए एक त्रासदी था, बल्कि इसने क्षेत्रीय शांति को भी खतरे में डाल दिया। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें महाराष्ट्र के छह लोग भी शामिल थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया और सख्त कार्रवाई की बात कही। इस बीच, पाकिस्तान ने भारत के रुख को क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताते हुए OIC का रुख किया। न्यूयॉर्क में हुई OIC की राजदूतों की बैठक में पाकिस्तान ने दक्षिण एशिया के मौजूदा हालात पर अपनी बात रखी।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने इस बैठक में भारत की कार्रवाइयों को “उत्तेजक, राजनीतिक दृष्टि से प्रेरित और गैर-जिम्मेदाराना” करार दिया। उन्होंने OIC के सदस्य देशों से भारत के रुख पर पुनर्विचार करने की अपील की। पाकिस्तान ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर विवाद को इस तनाव का मूल कारण बताया। उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और OIC के प्रस्तावों के आधार पर कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की। OIC के राजदूतों ने इस बात पर सहमति जताई और पाकिस्तान के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने कूटनीतिक संवाद के जरिए तनाव कम करने की बात कही।

OIC का यह बयान भारत के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। 57 देशों का यह संगठन मुस्लिम देशों का एक प्रभावशाली मंच है, और इसका समर्थन पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक जीत की तरह है। पाकिस्तान ने इस मौके का फायदा उठाते हुए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की। उसने OIC को यह समझाने की कोशिश की कि भारत की नीतियां और कार्रवाइयां क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचा रही हैं। इस दावे ने भारत-पाक तनाव (India-Pakistan Tension) को और गहरा कर दिया है।

पाकिस्तान का यह कदम उसकी बेचैनी को भी दर्शाता है। पहलगाम हमले के बाद भारत के सख्त रवैये ने पाकिस्तान को चिंता में डाल दिया है। पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि भारत किसी भी समय सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इस डर ने पाकिस्तान के नेतृत्व को हरकत में ला दिया। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 1 मई 2025 को एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें सुरक्षा स्थिति पर चर्चा हुई। इस बैठक में उन्होंने फैसला किया कि भारत की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का “उपयुक्त जवाब” दिया जाएगा। यह बयान पाकिस्तान की रणनीति को स्पष्ट करता है—वह न केवल सैन्य मोर्चे पर तैयार रहना चाहता है, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी भारत को घेरना चाहता है।

OIC की इस बैठक में कश्मीर का मुद्दा एक बार फिर केंद्र में रहा। पाकिस्तान ने इसे भारत के साथ अपने तनाव का मूल कारण बताया। उसने दावा किया कि भारत की नीतियां कश्मीर में शांति की संभावनाओं को खत्म कर रही हैं। OIC के राजदूतों ने इस दावे का समर्थन करते हुए कहा कि कश्मीर विवाद का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर होना चाहिए। यह बयान भारत के लिए कूटनीतिक चुनौती है, क्योंकि भारत हमेशा से कश्मीर को अपना आंतरिक मामला मानता रहा है।

पाकिस्तान की यह कूटनीतिक चाल उसकी पुरानी रणनीति का हिस्सा है। वह अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता है। OIC का समर्थन उसे इस दिशा में एक मजबूत आधार देता है। लेकिन यह समर्थन कितना प्रभावी होगा, यह समय ही बताएगा। भारत ने हमेशा OIC के बयानों को खारिज किया है और कहा है कि यह संगठन कश्मीर जैसे मुद्दों पर एकपक्षीय रुख अपनाता है।

पहलगाम हमले ने भारत के सामने कई सवाल खड़े किए हैं। इस हमले में शामिल आतंकी आदिल थोकर जैसे लोग, जो पाकिस्तान में प्रशिक्षण लेकर भारत में आतंक फैलाते हैं, भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। भारत ने इस हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा। इस बयान ने पाकिस्तान को और बेचैन कर दिया।

पाकिस्तान की OIC से अपील और उसका समर्थन इस तनाव को वैश्विक मंच पर ले गया है। यह स्थिति अब केवल भारत और पाकिस्तान के बीच का मसला नहीं रह गया है। OIC के 57 देशों का बयान इसे एक बड़े कूटनीतिक खेल का हिस्सा बना देता है। भारत ने इस बयान पर अभी तक औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारत अपनी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए जल्द ही जवाब देगा।

यह तनाव उस समय और गहरा गया, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने पाकिस्तान से पहलगाम हमले के आतंकियों को पकड़ने में भारत का सहयोग करने की अपील की। इस बयान ने पाकिस्तान को और असहज कर दिया, क्योंकि यह उसके आतंकवाद विरोधी दावों पर सवाल उठाता है। पाकिस्तान ने इस अपील को “अनुचित” बताकर खारिज कर दिया।

#IndiaPakistanTension, #PahalgamAttack, #OICSupport, #KashmirIssue, #SouthAsia

ये भी पढ़ें: Dombivli Memorial: डोंबिवली में बनेगा पहलगाम आतंकी हमले के शहीदों का स्मारक, 4 मई को होगी घोषणा

You may also like