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भारत और यूएई के बीच एलएनजी और न्यूक्लियर एनर्जी को लेकर ऐतिहासिक समझौता

भारत और यूएई के बीच एलएनजी और न्यूक्लियर एनर्जी को लेकर ऐतिहासिक समझौता
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक और ऊर्जा सहयोग को और मजबूत करेगा। इस समझौते में एलएनजी (Liquefied Natural Gas) की सप्लाई से लेकर न्यूक्लियर एनर्जी तक कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर सहमति बनी है। यह डील ना सिर्फ दोनों देशों के रिश्तों को एक नया आयाम देगी बल्कि भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

एलएनजी सप्लाई पर समझौता: एक नई दिशा

अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के बीच यह समझौता हुआ है, जिसके तहत ADNOC हर साल 10 लाख टन एलएनजी की सप्लाई करेगा। यह समझौता 15 साल की अवधि के लिए हुआ है, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। पिछले साल भी ADNOC ने IOC के साथ 12 लाख टन सालाना एलएनजी की सप्लाई के लिए एक डील साइन की थी। इस समझौते की कुल लागत 7 अरब डॉलर से 9 अरब डॉलर के बीच बताई जा रही है।

एलएनजी सप्लाई के मुख्य बिंदु:

  • समझौते की अवधि: 15 साल
  • सालाना सप्लाई: 10 लाख टन एलएनजी
  • प्रोजेक्ट: रूवैस एनजी प्रोजेक्ट से सप्लाई
  • पहला समझौता: पिछले साल 12 लाख टन एलएनजी के लिए साइन हुआ था

इस समझौते से भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और भरोसेमंद आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, यह दीर्घकालिक समझौता हाजिर एलएनजी बाजार में अस्थिरता को भी कम करेगा।

न्यूक्लियर एनर्जी पर बनी सहमति

एलएनजी के साथ-साथ भारत और यूएई ने न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में भी एक अहम समझौता किया है। एमिरेट्स न्यूक्लियर एनर्जी कंपनी और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) के बीच यह समझौता बराक न्यूक्लियर पावर प्लांट के संचालन और रखरखाव के लिए हुआ है। यह समझौता दोनों देशों के बीच न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में एक नई शुरुआत को दर्शाता है, जिससे भारत को स्वच्छ और स्थिर ऊर्जा प्राप्त होगी।

न्यूक्लियर एनर्जी समझौते के मुख्य बिंदु:

  • संयंत्र: बराक न्यूक्लियर पावर प्लांट
  • भारतीय साझेदार: भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL)
  • मुख्य उद्देश्य: संचालन और रखरखाव

अन्य प्रमुख समझौते

भारत और यूएई के बीच सिर्फ एलएनजी और न्यूक्लियर एनर्जी ही नहीं, बल्कि अन्य कई क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें पेट्रोलियम भंडारण, ऊर्जा उत्पादन, और फूड पार्क के क्षेत्र में सहयोग शामिल है। गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंटल होल्डिंग कंपनी पीजेएससी के बीच फूड पार्क के विकास को लेकर भी एक समझौता हुआ है।

अन्य समझौतों के मुख्य बिंदु:

  • पेट्रोलियम भंडारण: ADNOC और इंडिया स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड के बीच समझौता
  • ऊर्जा उत्पादन: अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक 1 के लिए उत्पादन रियायत समझौता
  • फूड पार्क विकास: गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंटल होल्डिंग कंपनी पीजेएससी के बीच समझौता

भारत-यूएई रिश्तों में नई मजबूती

इन समझौतों ने भारत और यूएई के बीच के रिश्तों को और भी मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के युवराज शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक ने इन समझौतों को मूर्त रूप दिया। यह डील्स न केवल दोनों देशों के आर्थिक और ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती प्रदान करेंगी, बल्कि उनके बीच के ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को भी नए आयाम देंगी।

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