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रूस की सहायता से भारतीय सेना को मिला बड़ा तोहफा: रक्षा सेक्टर में बढ़ी ताकत

भारतीय सेना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को एक महत्वपूर्ण तोहफा दे दिया है। इस तोहफे से भारतीय सेना की ताकत को कई गुना बढ़ाने का ऐलान किया गया है। दरअसल पुतिन ने भारतीय सेना की जरूरतों के लिए सैन्य साजो-सामान और उनके कलपुर्जे बनाने वाले संयुक्त उद्यम स्थापित करने की सहमति व्यक्त की है।

भारतीय रक्षा सेक्टर को मिला मजबूती का संकेत

इस नई पहल के तहत, रूस भारत को अपने हाथियारों के कलपुर्जे स्वतंत्रता से बनाने की सुविधा देगा, जो भारतीय सेना में इस्तेमाल होंगे। ये निर्णय न केवल सेना की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि भारत को अपनी सुरक्षा के लिए अधिक आत्मनिर्भर बनाएगा।

रूस-भारत रक्षा संबंध: एक दृढ़ साझेदारी

गौरतलब है कि भारत और रूस के बीच रक्षा संबंध वर्ष 2000 से चल रहे हैं और रूस भारत के लिए सबसे प्रमुख हथियारों के सप्लायर के साथ-साथ उनके एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार भी हैं। इस साझेदारी के दौरान रूसी सैन्य साजो-सामान के व्यापक उपयोग के लिए भारत में संयुक्त उद्यम स्थापित करना रूस के लिए भी महत्वपूर्ण है।

विश्वास का संकेत

भारतीय और रूसी नेताओं की वार्ता में ये सामन्य सहमति थी कि सैन्य साजो-सामान के उत्पादन में देरी को दूर किया जाना चाहिए। इससे समझे जा सकते हैं कि दोनों देशों के बीच विशेष रक्षा संबंधों की मजबूती होगी और भारत की रक्षा क्षमता में सुधार होगा।

इस तरह, रूस द्वारा भारत को इस महत्वपूर्ण फैसले के माध्यम से एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा सेक्टर का तोहफा दिया गया है, जिससे भारतीय सेना की सशक्तता में वृद्धि होगी।

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