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नौसेना का नया ‘ब्रह्मास्त्र’: HEPH छर्रे जो ड्रोन को पल भर में कर देंगे खाक

नौसेना का नया 'ब्रह्मास्त्र': HEPH छर्रे जो ड्रोन को पल भर में कर देंगे खाक

HEPH छर्रे जो बनेंगे ड्रोन के लिए ‘यमराज’: आज के समय में ड्रोन एक बड़ा खतरा बन गए हैं। चाहे वो युद्ध के मैदान हों या फिर समुंदर की लहरें, ड्रोन हर जगह अपनी धाक जमा रहे हैं। लेकिन अब भारतीय नौसेना ने ऐसा हथियार बनाया है जो इन उड़ते खतरों को पल भर में मिट्टी में मिला देगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं HEPH छर्रों की, जो जल्द ही नौसेना की ताकत बढ़ाने वाले हैं।

HEPH छर्रे: क्या हैं ये और कैसे करते हैं काम?

HEPH छर्रे एक तरह के खास गोले हैं जो नौसेना के जहाजों पर लगी AK-630 बंदूकों से दागे जाते हैं। इन छर्रों की खास बात ये है कि ये 5 किलोमीटर तक के दायरे में उड़ते ड्रोन को आसानी से निशाना बना सकते हैं। सोचिए, 5 किलोमीटर यानी करीब 50 फुटबॉल मैदानों की लंबाई! इतनी दूर से ये छर्रे दुश्मन के ड्रोन को ढूंढ कर मार गिराएंगे।

इन छर्रों की एक और खूबी है कि ये एक किलो वजन तक के ड्रोन को आसानी से तबाह कर सकते हैं। यानी अगर कोई छोटा या मझोला ड्रोन भी हमारे जहाजों की तरफ आंख उठाकर देखेगा, तो ये HEPH छर्रे उसे तुरंत सबक सिखा देंगे।

HEPH छर्रों का निर्माण: मेक इन इंडिया का शानदार उदाहरण

ये छर्रे कोई विदेशी तोहफा नहीं हैं। इन्हें हमारे अपने वैज्ञानिकों ने बनाया है। पुणे में DRDO की एक लैब है जिसे ARDE कहते हैं। वहीं पर इन छर्रों को तैयार किया जा रहा है। ये बात हमें गर्व से भर देती है कि हमारे देश के दिमाग इतने तेज हैं कि ऐसे जटिल हथियार भी बना सकते हैं।

HEPH छर्रे: नौसेना की नई ताकत

अब सवाल ये उठता है कि ये छर्रे नौसेना के लिए इतने खास क्यों हैं? इसका जवाब है – सुरक्षा और लचीलापन। देखिए, समुंदर में खतरे कभी भी सिर उठा सकते हैं। खासकर अदन की खाड़ी और हिंद महासागर जैसे इलाकों में, जहां अक्सर ड्रोन हमले की खबरें आती रहती हैं।

ऐसे में ये HEPH छर्रे नौसेना के जहाजों को एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच देंगे। अभी तक जहाजों पर जो एंटी-ड्रोन सिस्टम लगे हैं, उनके साथ-साथ ये छर्रे भी काम करेंगे। यानी अगर कोई ड्रोन बचकर निकल भी जाए, तो ये छर्रे उसे आसमान में ही धूल चटा देंगे।

HEPH की खूबियां: क्यों है ये इतना प्रभावी?

HEPH छर्रों की कई खूबियां हैं जो इन्हें खास बनाती हैं:

  1. लंबी मार: 5 किलोमीटर तक के दायरे में ये छर्रे असरदार हैं। यानी दुश्मन का ड्रोन जहाज के पास आने से पहले ही उसे रोका जा सकता है।
  2. छोटे-बड़े सभी ड्रोन पर कारगर: चाहे एक किलो का ड्रोन हो या उससे छोटा, HEPH छर्रे सबका मुंह तोड़ जवाब हैं।
  3. मौजूदा सिस्टम के साथ तालमेल: ये छर्रे नौसेना के मौजूदा एंटी-ड्रोन सिस्टम के साथ मिलकर काम करेंगे, जिससे सुरक्षा और मजबूत होगी।
  4. देसी तकनीक: भारत में बने होने के कारण इनकी मरम्मत और रखरखाव आसान होगा।

HEPH का भविष्य: आगे की राह

HEPH छर्रों का सफलतापूर्वक परीक्षण हो चुका है। अब नौसेना अपनी जरूरत के हिसाब से इनका ऑर्डर देगी। जल्द ही ये छर्रे हमारे युद्धपोतों का हिस्सा बनेंगे। INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य जैसे बड़े जहाजों पर भी इन्हें लगाया जाएगा।

आने वाले समय में, जैसे-जैसे ड्रोन तकनीक विकसित होगी, वैसे-वैसे इन HEPH छर्रों को भी अपग्रेड किया जाएगा। हमारे वैज्ञानिक लगातार इस पर काम कर रहे हैं ताकि भारतीय नौसेना हमेशा एक कदम आगे रहे।

अंत में, ये कहना गलत नहीं होगा कि HEPH छर्रे भारतीय नौसेना की ताकत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। ये न सिर्फ हमारे समुद्री सीमाओं की रक्षा करेंगे, बल्कि दुनिया को ये भी दिखाएंगे कि भारत अपनी सुरक्षा के मामले में किसी से पीछे नहीं है। HEPH छर्रों के साथ, हमारी नौसेना और भी मजबूत होगी, और कोई भी दुश्मन सौ बार सोचेगा हमारे जहाजों की तरफ आंख उठाकर देखने से पहले।

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