देश-विदेशटेक्नोलॉजी

साइबर सुरक्षा: डिजिटल युग में अमित शाह की बड़ी पहल, 5000 साइबर कमांडो तैयार करेगी सरकार

साइबर सुरक्षा: डिजिटल युग में अमित शाह की बड़ी पहल, 5000 साइबर कमांडो तैयार करेगी सरकार
भारत का नया मिशन: आज के डिजिटल युग में, साइबर सुरक्षा (cyber security) की अहमियत बढ़ गई है। भारत सरकार ने इस चुनौती को समझते हुए कई बड़े कदम उठाए हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में साइबर अपराध से लड़ने के लिए नए प्लेटफॉर्म और पहल की घोषणा की है। आइए जानते हैं इन पहलों के बारे में और समझते हैं कि ये कैसे हमारी डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करेंगे।

5000 साइबर कमांडो: डिजिटल सुरक्षा की नई सेना

सरकार की सबसे बड़ी पहल है 5000 साइबर कमांडो की तैयारी। ये विशेष प्रशिक्षित लोग होंगे जो साइबर अपराध से लड़ने में माहिर होंगे। अगले 5 साल में इन्हें तैयार किया जाएगा। ये कमांडो देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात होंगे और साइबर हमलों को रोकने में मदद करेंगे।

साइबर कमांडो की ट्रेनिंग बहुत खास होगी। वे सीखेंगे कि कैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी को पहचाना जाए, कैसे हैकर्स से बचा जाए, और कैसे डिजिटल सबूत इकट्ठा किए जाएं। ये कमांडो पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेंगे। इससे साइबर अपराध से लड़ने में तेजी आएगी और लोगों का डेटा ज्यादा सुरक्षित रहेगा।

नए प्लेटफॉर्म: साइबर सुरक्षा का मजबूत ढांचा

अमित शाह ने चार नए प्लेटफॉर्म लॉन्च किए हैं। ये प्लेटफॉर्म साइबर अपराध से लड़ने में बहुत मददगार साबित होंगे। इनमें से एक है ऑनलाइन रजिस्ट्री, जहां संदिग्ध लोगों की जानकारी रखी जाएगी। इससे बैंक और दूसरी वित्तीय संस्थाएं धोखाधड़ी रोकने में बेहतर काम कर पाएंगी।

दूसरा महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है समन्वय प्रणाली। यह एक ऐसा सिस्टम है जो देश भर के सभी साइबर सुरक्षा विभागों को एक साथ जोड़ेगा। इससे जानकारी का आदान-प्रदान आसान होगा और साइबर अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी। यह प्लेटफॉर्म साइबर अपराध के डेटा को स्टोर करने, शेयर करने और उसका विश्लेषण करने में भी मदद करेगा।

साइबर सुरक्षा: राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम हिस्सा

अमित शाह ने कहा है कि साइबर सुरक्षा अब राष्ट्रीय सुरक्षा का एक जरूरी हिस्सा है। उन्होंने बताया कि आज भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या बहुत बढ़ गई है। 2014 में जहां 25 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 95 करोड़ हो गई है। इसके साथ ही डेटा की खपत भी 78 गुना बढ़ गई है।

इतने ज्यादा लोगों के ऑनलाइन होने से साइबर अपराध का खतरा भी बढ़ गया है। इसलिए सरकार ने साइबर सुरक्षा को इतना महत्व दिया है। अमित शाह का कहना है कि देश की तरक्की के लिए साइबर सुरक्षा बहुत जरूरी है। अगर हमारा डिजिटल स्पेस सुरक्षित नहीं होगा तो विकास में बाधा आएगी।

साइबरदोस्त: जागरूकता फैलाने की पहल

सरकार ने ‘साइबरदोस्त’ नाम से एक नई पहल शुरू की है। इसका मकसद है लोगों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करना। यह काम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए किया जाएगा। लोगों को बताया जाएगा कि वे कैसे अपने डिजिटल डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं, कैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी से बच सकते हैं, और अगर कोई साइबर अपराध का शिकार हो जाए तो क्या करना चाहिए।

यह पहल खासतौर पर युवाओं और बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होगी। क्योंकि वे सबसे ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और अक्सर साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं। साइबरदोस्त के जरिए उन्हें सिखाया जाएगा कि कैसे सुरक्षित तरीके से ऑनलाइन रहा जाए।

ज्वॉइंट साइबर को-ऑर्डिनेशन टीम: मिलकर लड़ेंगे साइबर अपराध से

सरकार ने 7 ज्वॉइंट साइबर को-ऑर्डिनेशन टीम बनाई हैं। ये टीमें देश के अलग-अलग हिस्सों में काम करेंगी। इनमें से एक टीम हरियाणा के मेवात में होगी, एक झारखंड के जामताड़ा में, एक गुजरात के अहमदाबाद में, और इसी तरह दूसरी जगहों पर भी। इन टीमों का काम होगा साइबर अपराध से जुड़ी सूचनाओं को इकट्ठा करना और उन पर कार्रवाई करना।

ये टीमें एक दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगी। अगर किसी एक जगह पर कोई बड़ा साइबर अपराध होता है, तो सभी टीमें उस पर काम कर सकेंगी। इससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी और लोगों का डेटा ज्यादा सुरक्षित रहेगा।

भविष्य की चुनौतियां और उम्मीदें

साइबर सुरक्षा का क्षेत्र लगातार बदल रहा है। जैसे-जैसे नई टेक्नोलॉजी आती है, वैसे-वैसे नए खतरे भी सामने आते हैं। इसलिए सरकार की इन पहलों को लगातार अपडेट करना होगा। साइबर कमांडो को नई चीजें सीखनी होंगी और प्लेटफॉर्म को अपग्रेड करना होगा।

लेकिन इन सब चुनौतियों के बावजूद, भारत की साइबर सुरक्षा की दिशा सही लग रही है। 5000 साइबर कमांडो की टीम, नए प्लेटफॉर्म और जागरूकता अभियान मिलकर एक मजबूत सुरक्षा ढांचा बनाएंगे। इससे न सिर्फ लोगों का डेटा सुरक्षित रहेगा, बल्कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि साइबर सुरक्षा अब सिर्फ एक टेक्निकल मुद्दा नहीं रह गया है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास से जुड़ा हुआ है। सरकार की ये पहलें दिखाती हैं कि भारत इस चुनौती के लिए तैयार है और आने वाले समय में डिजिटल दुनिया में अपनी जगह मजबूत करेगा।

Hashtags: #CyberSecurity #DigitalIndia #CyberCrime #TechSafety #AmitShah

ये भी पढ़ें: जबलपुर-निजामुद्दीन एक्सप्रेस ट्रेन की छत से झरना बहता देख यात्रियों में मचा हड़कंप, रेलवे ने दी सफाई

You may also like