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Pamban Bridge: भारत का पहला वर्टिकल पंबन ब्रिज, रामेश्वरम पहुंचने का आसान रास्ता, लेकिन CRS की रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंताएं

Pamban Bridge: भारत का पहला वर्टिकल पंबन ब्रिज, रामेश्वरम पहुंचने का आसान रास्ता, लेकिन CRS की रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंताएं
भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) श्रद्धालुओं और यात्रियों के लिए एक बहुप्रतीक्षित परियोजना है। यह ब्रिज रामेश्वरम और पंबन द्वीप को जोड़ता है, जहां लाखों भक्त हर साल भगवान शिव के रामेश्वरम मंदिर के दर्शन करने आते हैं।

हाल ही में, इस ब्रिज का निर्माण पूरा हुआ और रेलवे ने इसका ट्रायल भी सफलतापूर्वक संपन्न किया। लेकिन दक्षिण जोन के रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) की जांच रिपोर्ट ने पुल की सेफ्टी और डिजाइन से जुड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के आधार पर रेलवे ने एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है।


CRS की रिपोर्ट में क्या आईं कमियां?

रेल मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में पंबन ब्रिज की जांच (Pamban Bridge inspection) में कई खामियां उजागर हुईं। इनमें सबसे प्रमुख मुद्दा था कि ब्रिज के डिजाइन और निर्माण में भारतीय रेलवे के आरडीएसओ (RDSO – Research Designs and Standards Organization) के मानकों का पालन नहीं किया गया।

  1. प्लानिंग में चूक: CRS ने बताया कि ब्रिज का प्लानिंग और डिजाइन इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से तैयार किया गया, लेकिन भारतीय मानकों (RDSO) की अनदेखी की गई।
  2. निर्माण में मानकों का उल्लंघन: ब्रिज के निर्माण में आरडीएसओ को शामिल नहीं किया गया, जिससे संरचनात्मक स्थिरता और सुरक्षा पर सवाल उठे।
  3. डिजाइन से जुड़े मुद्दे: CRS ने यह भी पाया कि ब्रिज की डिजाइनिंग प्रक्रिया में रेलवे की तकनीकी इकाइयों की भागीदारी नहीं हुई, जिससे भविष्य में संरचनात्मक समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है।

रेल मंत्रालय ने इन मुद्दों पर जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर दी है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।


श्रद्धालुओं के लिए पंबन ब्रिज क्यों है खास?

रामेश्वरम जाने वाले श्रद्धालुओं को अब तक मंडपम से बस या टैक्सी लेकर रामेश्वरम पहुंचना पड़ता था। यह न केवल समय लेने वाला था, बल्कि मौजूदा ब्रिज पर जाम की समस्या भी बड़ी चुनौती थी।

वर्टिकल ब्रिज की खासियत (Vertical bridge features) यह है कि इसके जरिए ट्रेनों को सीधे रामेश्वरम तक पहुंचने का रास्ता मिलेगा। इससे यात्रा का समय कम होगा और श्रद्धालुओं को एक सुविधाजनक अनुभव मिलेगा।

यह ब्रिज साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। श्रद्धालुओं और यात्रियों के लिए यह ब्रिज न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि उनके अनुभव को भी बेहतर बनाएगा।


पंबन ब्रिज की अनोखी खासियतें

पंबन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल-लिफ्ट ब्रिज है। इसकी इंजीनियरिंग और डिज़ाइन इसे न केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर भी एक अनोखा पुल बनाती है।

  1. लंबाई और ऊंचाई: ब्रिज की कुल लंबाई 2.05 किमी है। यह समुद्र तल से 22 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे पुराने ब्रिज से तीन मीटर ऊंचा बनाता है।
  2. डबल लाइन ट्रैक: यह ब्रिज देश का पहला ऐसा पुल है, जिसमें डबल लाइन संरचना है। इससे दोनों दिशाओं में ट्रेनों का संचालन एक साथ हो सकेगा।
  3. रफ्तार: इस ब्रिज पर ट्रेनें 80 किमी/घंटा की स्पीड से चल सकती हैं। पुराने ब्रिज पर यह स्पीड केवल 10 किमी/घंटा थी।
  4. वर्टिकल-लिफ्ट मैकेनिज्म: यह वर्टिकल-लिफ्ट मैकेनिज्म वाला देश का पहला ब्रिज है। इसका ऊपरी हिस्सा ऊंचा होकर समुद्री जहाजों को गुजरने का रास्ता देता है।

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