औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP): भारतीय कंपनियां और कारखाने कमाल कर रहे हैं! ताज़ा आंकड़ों का कहना है कि देश का औद्योगिक उत्पादन इस साल फरवरी में 5.7% तक उछल गया है। पिछले साल जनवरी में ये उछाल सिर्फ 3.8% थी। ये तो अच्छी खबर है, लेकिन क्या इससे देश में रोज़गार बढ़ेगा?
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक यानी IIP ये बताता है कि देश के कारखाने कितना सामान बना रहे हैं। इससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार का पता चलता है। पिछले पूरे साल (अप्रैल 2023-फरवरी 2024) में 5.9% की बढ़त IIP में दिखाई दी, जबकि इसके एक साल पहले ये बढ़त बस 5.6% थी।
अब ज़रा बारीकी से समझते हैं कि कहां-कहां तेज़ी आई है। मैन्युफैक्चरिंग यानी बड़े उद्योगों में 5% की बढ़त देखी गई, जो कि पिछले फरवरी के 5.9% से कम ज़रूर है, लेकिन फिर भी बढ़िया है। खनन में 8% की उछाल और बिजली के क्षेत्र में पूरे 7.5% का फायदा हुआ है। हमारे आठ बड़े बुनियादी उद्योग हैं – कोयला, तेल, गैस, रिफाइनरी उत्पाद, खाद, स्टील, सीमेंट, बिजली… इनका देश के औद्योगिक उत्पादन में कुल मिलाकर लगभग 40% का हिस्सा है। ग्राहकों के सामान में भी मिला-जुला असर दिखा। आम ज़रूरत का जो सामान है जिसकी खपत जल्दी हो जाती है, उसका उत्पादन 3.8% गिर गया। लेकिन जिन चीज़ों का इस्तेमाल लंबे समय तक चलता है, उनका उत्पादन तो 12.3% ऊपर चला गया है!
ये आंकड़े दिखाते हैं कि भले ही पूरी दुनिया में सामान की मांग कम हो रही है, भारत में कारोबार अभी भी एक सही रफ्तार पर चल रहा है। इससे रोज़गार, अर्थव्यवस्था और लोगों की आमदनी बढ़ने की उम्मीद जगती है।
एक और आंकड़ा आप भी देखिए! मार्च 2024 में खुदरा महंगाई गिरकर 4.85% पर आ गई! ये 9 महीने में सबसे कम है। इसका सबसे बड़ा कारण है खाने-पीने की चीज़ों का सस्ता होना।