भारत में खाद्य सुरक्षा एक बड़ी चिंता बनती जा रही है। बच्चों के अनाज में चीनी से लेकर मसालों में कीटनाशक तक, खाने की चीज़ों में मिलावट और खतरनाक तत्व आम बात हो गई है।
हाल ही में नेस्ले के बेबी फूड में अधिक चीनी की मात्रा पाई गई, वहीं कुछ भारतीय मसालों पर सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में प्रतिबंध लगा दिया गया। इन खबरों ने भारत में खाद्य सुरक्षा पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
कहां है गड़बड़ी?
भारत में खाद्य सुरक्षा के नियम कमजोर हैं और उन पर ढंग से निगरानी नहीं रखी जाती। कंपनियों का मुनाफा कमाने का लालच और सरकारी अधिकारियों की लापरवाही इस समस्या को और बढ़ा रही है।
नेस्ले का बेबी फूड विवाद
नेस्ले के सेरेलैक बेबी अनाज में चीनी की अधिक मात्रा पाई गई है। इससे पहले भी नेस्ले को मैगी नूडल्स में लेड की मात्रा को लेकर विवादों का सामना करना पड़ा था।
मसालों में ज़हर
भारत के कुछ मसालों में असुरक्षित स्तर के एथिलीन ऑक्साइड पाए गए हैं, जो एक कैंसरकारी तत्व है। इन मसालों पर सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में प्रतिबंध लगा दिया गया है और अब अमेरिका में भी इनकी जांच चल रही है।
दवाओं में भी खतरा
खाद्य पदार्थों के अलावा, भारत में जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। कुछ दवाओं में जहरीले तत्व पाए गए हैं, जिससे बच्चों की मौत भी हुई है।
ये स्थिति बेहद चिंताजनक है। सरकार को खाद्य सुरक्षा के नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए और मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, लोगों को भी जागरूक होना चाहिए और खाने की चीज़ें खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
सरकार ने दावा किया है कि भारत में खाद्य सुरक्षा के नियम दुनिया में सबसे सख्त हैं, लेकिन हकीकत इससे अलग है। हाल ही में दिल्ली में नकली मसाले बनाने वाली दो फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ हुआ है।
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