भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष विज्ञान में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। दुनिया भर की नजरें इस वक्त इसरो की ओर टिकी हुई हैं क्योंकि PSLV-C60 रॉकेट के जरिए भारत का महत्वाकांक्षी स्पेडेक्स मिशन (SPADEX) 30 दिसंबर को लॉन्च होने जा रहा है।
मिशन की खासियत
स्पेडेक्स मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से रात 9:58 बजे PSLV-C60 के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा। ये मिशन भारत को अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ की तकनीक में सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। बता दें कि डॉकिंग वो प्रक्रिया है जिसमें दो सैटेलाइट्स या उपकरणों को अंतरिक्ष में जोड़ा जाता है, जिससे एक नया ढांचा तैयार होता है। इसरो ने इस प्रक्रिया को समझाने के लिए एक एनिमेशन वीडियो भी जारी किया है।
🌟 PSLV-C60/SPADEX Mission Update 🌟
Visualize SpaDeX in Action!
🎞️ Animation Alert:
Experience the marvel of in-space docking with this animation!🌐 Click here for more information: https://t.co/jQEnGi3ocF pic.twitter.com/djVUkqXWYS
— ISRO (@isro) December 27, 2024
स्पेडेक्स मिशन क्या है?
स्पेडेक्स (SPADEX) मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में दो छोटे यानों, SDX01 चेजर और SDX02 टारगेट, को जोड़ने और अलग करने की तकनीक को प्रदर्शित करना है। ये दोनों यान पृथ्वी की निचली कक्षा में एक-दूसरे से मिलेंगे। मिशन में खास बात ये है कि इसमें ‘लो-इम्पैक्ट सिस्टम’ का उपयोग किया जाएगा। इसका मतलब है कि दोनों यान आपस में बिना किसी नुकसान के जुड़ेंगे।
मिशन के प्रमुख उपकरण
स्पेडेक्स मिशन में कई उन्नत उपकरण शामिल किए गए हैं, जैसे:
- हाई-रेजोल्यूशन कैमरा: अंतरिक्ष में होने वाली डॉकिंग प्रक्रिया की सटीक निगरानी के लिए।
- मल्टी-स्पेक्ट्रल उपकरण: प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी और बेहतर डेटा संग्रहण के लिए।
क्यों है यह मिशन महत्वपूर्ण?
ये मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला है। स्पेडेक्स मिशन के जरिए भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक को विकसित करने के करीब पहुंच जाएगा, जो भविष्य में अंतरिक्ष में भारत का अपना स्पेस स्टेशन बनाने की राह आसान करेगा।
इसरो का स्पेडेक्स मिशन न केवल भारत की अंतरिक्ष तकनीक में एक मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि ये देश को वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण की दौड़ में और आगे ले जाएगा। वेल 30 दिसंबर की रात, भारत के लिए एक और ऐतिहासिक पल बनने जा रही है। सभी की निगाहें इस मिशन की सफलता पर टिकी हैं।