Konkan Range Wins QCI Award: महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम हुई है। कोंकण रेंज (Konkan Range) ने राज्य के 100 दिन के कार्यालयीन सुधार कार्यक्रम में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय गुणवत्ता परिषद (Quality Council of India, QCI) से सर्वश्रेष्ठ परिक्षेत्र का खिताब हासिल किया है। यह उपलब्धि न केवल पुलिस विभाग के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह आम नागरिकों के लिए भी एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है। इस लेख में हम कोंकण रेंज पुलिस सुधार (Konkan Range Police Reforms) की इस उपलब्धि और इसके पीछे की कहानी को विस्तार से जानेंगे।
कोंकण रेंज ने अपने नवाचारों और समर्पण के बल पर यह सम्मान प्राप्त किया है। भारतीय गुणवत्ता परिषद ने दस महत्वपूर्ण मानदंडों के आधार पर इसकी जांच की, जिनमें वेबसाइट में सुधार, कार्यालय सुविधाओं का उन्नयन, शिकायत निवारण तंत्र, जीवनयापन की सुगमता को बढ़ावा, निवेश को प्रोत्साहन और प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल थे। इन सभी क्षेत्रों में कोंकण रेंज ने असाधारण प्रदर्शन किया।
सबसे पहले बात करते हैं वेबसाइट सुधार की। कोंकण रेंज ने एक उपयोगकर्ता-अनुकूल वेबसाइट, www.konkanrange.mahapolice.gov.in, विकसित की है। इस वेबसाइट पर परिक्षेत्र से संबंधित सभी नवीनतम जानकारी उपलब्ध है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, उप-विभागीय अधिकारियों और पुलिस स्टेशन प्रभारियों के संपर्क विवरण आसानी से मिल जाते हैं। इसके अलावा, सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) से संबंधित जानकारी और महत्वपूर्ण सरकारी विभागों के लिंक भी इस वेबसाइट पर मौजूद हैं। यह वेबसाइट नागरिकों और पुलिस के बीच संवाद को और पारदर्शी बनाती है।
नागरिकों की सुविधा के लिए कोंकण रेंज ने “जीवनयापन की सुगमता” (Ease of Living) पहल के तहत एक कंप्यूटरीकृत शिकायत प्रबंधन प्रणाली शुरू की। इस प्रणाली ने शिकायतों के त्वरित और प्रभावी समाधान को सुनिश्चित किया है। लोग अब अपनी समस्याओं को आसानी से दर्ज कर सकते हैं, और उनका समाधान समयबद्ध तरीके से होता है। यह पहल न केवल नागरिकों का भरोसा बढ़ाती है, बल्कि पुलिस की कार्यकुशलता को भी दर्शाती है।
कोंकण रेंज ने तकनीक के उपयोग में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) पोर्टल के तहत रेंज ने 6,448 खोए हुए मोबाइल फोनों में से 3,308 को ट्रेस किया और 1,038 को वास्तव में बरामद किया। यह उपलब्धि तकनीकी दक्षता और नागरिकों के प्रति जवाबदेही का शानदार उदाहरण है। खोया हुआ फोन वापस पाना किसी के लिए भी बड़ी राहत की बात होती है, और कोंकण रेंज ने इस दिशा में सराहनीय काम किया है।
पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की बेहतरी के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। विशेष पुलिस महानिरीक्षक संजय दराडे के नेतृत्व में, पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल्स प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य था कि पुलिसकर्मी नागरिकों के साथ विनम्र और सम्मानजनक व्यवहार करें। इससे पुलिस की छवि में सुधार हुआ है और जनता के साथ संबंध मजबूत हुए हैं।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी कोंकण रेंज की प्राथमिकता रही। पोषण विशेषज्ञ सायली भोसले के सहयोग से पुलिसकर्मियों के लिए आहार में बदलाव और फिटनेस शेड्यूल तैयार किया गया। इस पहल का नतीजा यह रहा कि 30 दिनों के भीतर अधिकारियों और कर्मियों के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। वजन, मधुमेह के लक्षण और रक्तचाप के स्तर में कमी आई। स्वस्थ पुलिसकर्मी न केवल बेहतर काम करते हैं, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा बनते हैं।
संचार को और सुगम बनाने के लिए वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम लागू किया गया। इस प्रणाली ने पुलिसकर्मियों को अपनी समस्याओं को दूर से ही उठाने और हल करने की सुविधा दी। पहले जहां उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, अब यह प्रक्रिया डिजिटल हो गई है। यह कदम समय और संसाधनों की बचत के साथ-साथ कार्यकुशलता को भी बढ़ाता है।
कार्यालयों की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण पर भी ध्यान दिया गया। प्रतीक्षा क्षेत्र, पेयजल आपूर्ति और शौचालय जैसी सुविधाओं का नवीनीकरण किया गया। पुराने और अनुपयोगी दस्तावेजों को हटाकर प्रशासनिक दक्षता में सुधार किया गया। ये छोटे-छोटे बदलाव कार्यालय के माहौल को बेहतर बनाते हैं और कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाते हैं।
संजय दराडे ने कहा कि इन सुधारों का योजनाबद्ध और समन्वित कार्यान्वयन ही कोंकण रेंज की इस शीर्ष उपलब्धि का कारण बना। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे कोंकण रेंज की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से जुड़े रहें। फेसबुक (GP Konkan Range), ट्विटर/एक्स (IGP Konkan Range) और इंस्टाग्राम (IGP Konkan Range) पर रेंज की गतिविधियों और अपडेट्स को देखा जा सकता है।
कोंकण रेंज का यह प्रयास न केवल पुलिस सुधारों में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह दर्शाता है कि समर्पण और नवाचार से किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है। यह उपलब्धि महाराष्ट्र पुलिस के लिए एक प्रेरणा है और नागरिकों के लिए एक विश्वास का प्रतीक है।
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