ऑनटीवी स्पेशल

दिल्ली के कोटला में छिपी है खिलाड़ियों की बस्ती, सपनों की बड़ी है कीमत

दिल्ली के कोटला में छिपी है खिलाड़ियों की बस्ती, सपनों की बड़ी है कीमत
Ankit Kumar who works as Delivery boy and practice at JNL Stadium. Atheletes of JLN Stadium living in the Kotla area of New Delhi on Tuesday, April 09, 2024. Express photo by Abhinav Saha

दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके की गलियां जितनी तंग हैं, उससे कहीं बड़े सपने यहां पलते हैं। ये है ‘कोटला फैक्ट्री’, जहां देशभर से आए युवा दिन-रात मेहनत करते हैं ओलंपिक पदक के ख्वाब के साथ।

कोटला में जगह-जगह छोटे कमरे हैं, जहां बुलंदशहर से आए धावक, हरियाणा के गांवों से निकले पहलवान, और देश के कोने-कोने से आए खिलाड़ी कड़ी मेहनत में जुटे रहते हैं। लेकिन, इनमें से बहुत कम को ही वो सफलता और पहचान मिल पाती है, जिसके वे हकदार हैं।

दिन में ये युवा अपनी खेल की प्रैक्टिस करते हैं, और रात में, जैसे-तैसे काम करके अपना खर्च निकालते हैं। गार्ड की नौकरी हो या किसी कंपनी का काम – सब कुछ चलता है। यहां संघर्ष सिर्फ शरीर का नहीं, मन का भी है।

इन खिलाड़ियों के दिलों में लगन तो बहुत है, पर साथ की कमी खलती है। सही सुविधाएं नहीं, कई बार ढंग का खाना भी नहीं मिल पाता। फिर भी, इन्हीं गलियों से निकलकर कुछ खिलाड़ी देश का नाम रोशन भी करते हैं।

कोटला फैक्ट्री हमारे देश के छिपे हुए संघर्ष की कहानी कहती है। यह दिखाती है कि प्रतिभा हर जगह होती है, लेकिन उसे पहचानने और निखारने के लिए एक व्यवस्था भी चाहिए।

ये भी पढ़ें- Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर का वैज्ञानिक चमत्कार – जानिए कैसे सूरज की किरणों से जगमगाया रामलला का माथा
ये भी पढ़ें- Voting Ink: वोटिंग वाली स्याही की पूरी कहानी – कैसे बनी, क्यों नहीं मिटती, और कहां बनती है!

You may also like