Ladki Bahin Yojana 21 Crore Scam: महाराष्ट्र सरकार की माझी लाड़की बहन योजना, जो गरीब और कमजोर वर्ग की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की मदद देने के लिए शुरू की गई थी, अब एक बड़े घोटाले की वजह से सुर्खियों में है। यह योजना अगस्त 2024 में शुरू हुई थी, और इसका मकसद था 21 से 65 साल की उन महिलाओं को आर्थिक सहारा देना, जिनके परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है। लेकिन हाल ही में हुई जांच में एक हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि 14,298 पुरुषों ने फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी देकर खुद को महिला बताकर इस योजना का लाभ उठाया। इससे सरकारी खजाने को 21.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
जांच में सामने आया कि इन पुरुषों ने ऑनलाइन पोर्टल पर हेरफेर करके अपने नाम दर्ज करवाए। कई मामलों में उन्होंने फर्जी पहचान पत्र और जाली कागजों का इस्तेमाल किया। यह सिलसिला तब तक चलता रहा, जब तक सरकार ने योजना के लाभार्थियों की गहन समीक्षा शुरू नहीं की। इस खुलासे के बाद विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने इस घोटाले को लेकर सख्त सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हो गई, और आवेदनों की जांच में इतनी लापरवाही क्यों बरती गई। सुप्रिया सुले ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है, ताकि यह पता चल सके कि इस धोखाधड़ी के पीछे कौन लोग शामिल हैं।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि यह योजना सिर्फ गरीब महिलाओं के लिए बनाई गई थी, और पुरुषों द्वारा इसका गलत इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पवार ने साफ किया कि इन 14,298 पुरुषों से पूरी राशि वसूली जाएगी। अगर वे सहयोग नहीं करते, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें एफआईआर दर्ज करना भी शामिल है। इसके अलावा, जांच में यह भी पता चला कि 1.62 लाख ऐसी महिलाएं भी लाभ ले रही थीं, जिनके पास चार पहिया वाहन हैं, जबकि योजना की शर्तों के मुताबिक वे इसके लिए पात्र नहीं थीं। इन सभी अपात्र लाभार्थियों को सूची से हटा दिया गया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग की जांच में 26.34 लाख अपात्र लाभार्थियों की पहचान की गई, जिनमें ये पुरुष भी शामिल हैं। इन सभी के लाभ को जून 2025 से अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। विभाग ने अब आयकर विभाग और जिला कलेक्टरों की मदद से पात्रता की दोबारा जांच शुरू कर दी है। तटकरे ने कहा कि जो महिलाएं पात्र पाई जाएंगी, उन्हें फिर से लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। फिलहाल, 2.25 करोड़ पात्र महिलाओं को जून 2025 की राशि दी जा चुकी है।
यह घोटाला कोई नया मामला नहीं है। पहले भी महाराष्ट्र की सैनिटरी नैपकिन सब्सिडी योजना और शिव भोजन थाली योजना में ऐसी गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। इस बार विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि जल्दबाजी में योजना को लागू करने की वजह से ऐसी चूक हुई। सुप्रिया सुले ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से यह धोखाधड़ी हुई है। सरकार ने इस मामले में पारदर्शिता का वादा किया है और कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।