लाडली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Yojana) का उद्देश्य समाज में लड़कियों की स्थिति सुधारना और उनकी शिक्षा और आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है। यह योजना मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 1 अप्रैल 2007 को शुरू की गई थी। इसके तहत बच्चियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो।
यह योजना न केवल मध्य प्रदेश बल्कि अन्य 6 राज्यों में भी लागू की गई है। हाल ही में दिल्ली सरकार ने भी ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ की घोषणा की है।
लाडली लक्ष्मी योजना का उद्देश्य
लाडली लक्ष्मी योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों को आर्थिक मदद के माध्यम से सशक्त बनाना और समाज में उनके महत्व को बढ़ाना है। यह योजना राज्य के लिंगानुपात (gender ratio) में सुधार करने का प्रयास करती है और लड़कियों की शिक्षा और शादी में सहायता देती है।
योजना का संचालन कैसे होता है?
इस योजना के तहत एक लड़की के जन्म से लेकर 21 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- लड़की के जन्म के पहले साल में उसे इस योजना में पंजीकृत करना जरूरी है।
- 21 साल की आयु पूरी करने पर, यदि लड़की ने 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली है और उसकी शादी 18 साल से पहले नहीं हुई है, तो उसे 1 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है।
योजना के फायदे
- शुरुआती निवेश: योजना के तहत बच्ची के लिए पहले 5 साल तक हर साल 6,000 रुपये जमा किए जाते हैं।
- शिक्षा प्रोत्साहन:
- छठी कक्षा में प्रवेश के समय 2,000 रुपये।
- 9वीं कक्षा में प्रवेश के समय 4,000 रुपये।
- 11वीं और 12वीं कक्षा में प्रवेश के समय 6,000 रुपये प्रत्येक।
- अंतिम भुगतान: 21 साल की उम्र पूरी होने पर, 1 लाख रुपये का भुगतान।
पात्रता
लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ पाने के लिए नीचे दी गई शर्तों को पूरा करना अनिवार्य है:
- माता-पिता मध्य प्रदेश के निवासी होने चाहिए।
- कोई भी इनकम टैक्स पेयर नहीं होना चाहिए।
- लड़की के जन्म के एक साल के भीतर योजना में पंजीकरण।
- लड़की का 18 साल की उम्र तक अविवाहित रहना अनिवार्य है।
- यह योजना केवल परिवार की दो बेटियों तक सीमित है।
आवेदन प्रक्रिया
योजना में आवेदन के लिए परिवार को नीचे बताए गए स्थानों पर आवेदन करना होगा:
- प्रोजेक्ट ऑफिस।
- पब्लिक सर्विस सेंटर।
- नज़दीकी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता।जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन जमा करने की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
लाडली लक्ष्मी योजना न केवल बेटियों की शिक्षा और आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा देती है बल्कि समाज में लड़कियों की स्थिति को भी सुधारने का प्रयास करती है। यह योजना आने वाली पीढ़ियों को सशक्त बनाने में सहायक है और बेटियों के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदलने में मदद करती है।