यार, इंश्योरेंस कराना तो बनता ही है! परिवार का भविष्य सिक्योर रहेगा, ये तो सबसे जरूरी है। पर क्या तुम्हें पता है कि इंश्योरेंस से तुम्हारा टैक्स भी बच सकता है? जी हां, सरकार ने इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के लिए कई टैक्स बेनिफिट्स दिए हैं। बस, थोड़ी स्मार्ट प्लानिंग चाहिए और फिर देखो कमाल!
तो चलिए, बिना देर किए जानते हैं कि कैसे-कैसे टैक्स बचा सकते हो इंश्योरेंस से:
टर्म लाइफ इंश्योरेंस: ये सबसे सिंपल और सस्ती पॉलिसी है। इसमें एक तय समय के लिए सॉलिड कवरेज मिलता है। जैसे कि मान लो, 20 साल के लिए पॉलिसी ली और इस दौरान कुछ हो गया, तो परिवार वालों को इंश्योरेंस की रकम मिल जाएगी। इसमें सेविंग वाला पार्ट नहीं होता, इसलिए टैक्स छूट भी नहीं है।
यूनिवर्सल लाइफ इंश्योरेंस: इसमें थोड़ी फ्लेक्सिबिलिटी है। कभी पैसे टाइट हुए तो थोड़े समय के लिए प्रीमियम कम किया, या बाद में लगे कि डेथ बेनिफिट की रकम बढ़ानी चाहिए, तो वो भी कर सकते हो। इसका कुछ पैसा सेविंग में जाता है और उसपर इंटरेस्ट भी मिलता है, जो बिलकुल टैक्स-फ्री होता है!
होल लाइफ इंश्योरेंस: ये तो आजीवन चलने वाली पॉलिसी है। बाकी दोनों से थोड़ी महंगी होती है, पर इसमें प्रीमियम का जो हिस्सा सेविंग में जाता है, उसे कैश वैल्यू कहते हैं। इसपर मिलने वाला इंटरेस्ट, वो भी टैक्स से आजाद!
इंश्योरेंस के अन्य टैक्स फायदे
डेथ बेनिफिट? कोई टैक्स नहीं! अगर दुर्भाग्य से कुछ हो जाए, तो परिवार को जो डेथ बेनिफिट की रकम मिलेगी, उसपर सरकार एक रुपया भी टैक्स नहीं लेती।
सेविंग्स पर इंटरेस्ट टैक्स-फ्री! जैसा कि बताया, कुछ पॉलिसीज़ में सेविंग वाला हिस्सा होता है, जिसपर इंटरेस्ट मिलता है जो टैक्स से बिलकुल छूटा हुआ होता है।
कैश-वैल्यू निकालो, टैक्स बचाओ! जरूरत पड़ने पर होल लाइफ जैसी पॉलिसी की कैश-वैल्यू से कुछ पैसा निकाल सकते हो, और उसपर भी अक्सर टैक्स में छूट मिलती है।
भैया, इंश्योरेंस का मामला है … जरा सोच-समझकर ही पॉलिसी चुनना। किसी अच्छे फाइनेंशियल एडवाइजर से मिलो, वो तुम्हारी पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग समझकर सही सलाह देगा कि कौनसी पॉलिसी तुम्हारे लिए सबसे फायदेमंद रहेगी।
बिजनेस चलाने वाले लोगों के लिए भी इंश्योरेंस बहुत काम की चीज है! कभी किसी पार्टनर को कुछ हो जाए, तो बाकी लोगों को बिजनेस चलाने में दिक्कत न हो।
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