जीवन के घटकों की खोज में, पिछले कुछ सालों से वैज्ञानिकों को लगातार संकेत मिल रहे हैं कि जीवन को बनाने वाले तत्व ब्रह्मांड में हर जगह फैले हुए हैं। स्पेस मिशन से मिली जानकारी के अनुसार, जैविक अणु (Organic Molecules) जैसे अमीनो एसिड, कार्बन युक्त तत्व, और जटिल कार्बन संरचनाएं धूमकेतुओं, क्षुद्रग्रहों, और अंतरतारकीय धूल (Interstellar Dust) में पाई गई हैं। ये खोज बताती है कि जीवन का उद्गम केवल पृथ्वी तक सीमित नहीं है। ये पदार्थ पूरी संभावना रखते हैं कि जीवन किसी गहरे अंतरिक्ष (Deep Space) में शुरू हुआ और ग्रहों तक पहुंचा।
1986 में, यूरोपीय गिओयो स्पेसक्राफ्ट ने हैली धूमकेतु (Halley’s Comet) का विश्लेषण किया। इसमें कार्बन युक्त अणुओं के सबूत मिले। यह पहला ठोस संकेत था कि अंतरिक्ष में जीवन के लिए जरूरी घटक मौजूद हैं। 2015 में, 67P धूमकेतु पर ग्लाइसीन नामक प्रोटीन बनाने वाले तत्व मिले। इसके अलावा, 2022 में रोसेटा मिशन के जरिए डाइमिथाइल सल्फाइड और 44 अन्य जैविक अणुओं की पहचान हुई।
जापान के हायाबुसा 2 और नासा के ओसाइसिर रेक्स मिशन ने पुरातन क्षुद्रग्रहों (Asteroids) की चट्टानों में जैविक पदार्थ खोजे। इनमें 15 अमीनो एसिड शामिल हैं, जो जीवन के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये घटक सौरमंडल के निर्माण के समय से ही मौजूद हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये तत्व तारों के बीच ठंडे काले बादलों में या युवा तारों के ऊर्जावान इलाकों में बने होंगे। ये चट्टानें ग्रहों तक कैसे पहुंची, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन ये संकेत जीवन के मूल उद्गम की कहानी को गहराई से समझने में मदद कर सकते हैं।
खगोलविदों ने पाया कि कुछ पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (Polycyclic Aromatic Hydrocarbons या PAHs) बिग बैंग के केवल 1.5 अरब साल बाद बन गए थे। ये कार्बन युक्त तत्व अंतरतारकीय स्पेस में फैले हुए हैं। स्पेस रेडिएशन और तारों के पास गर्म डिस्क में कई जटिल पदार्थ बनने की संभावना रहती है। इस प्रक्रिया में बने जैविक तत्व धूमकेतुओं और क्षुद्रग्रहों के जरिए ग्रहों पर पहुंच सकते हैं और जीवन की शुरुआत के लिए जरूरी माहौल तैयार कर सकते हैं।
बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा के नीचे मौजूद बर्फीले महासागर में जीवन के संकेत मिलने की संभावना है। नासा का क्लिपर मिशन इस दिशा में ठोस जवाब देने की उम्मीद है। वैज्ञानिक मानते हैं कि पृथ्वी पर जीवन केवल अनुकूल परिस्थितियों के कारण फल-फूल सका। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जीवन ब्रह्मांड में कहीं और मौजूद नहीं है।
जीवन के जैविक घटक डीप स्पेस में बनने के संकेत इस बात को मजबूती देते हैं कि जीवन का उद्गम एक खगोलीय कहानी का हिस्सा है। वैज्ञानिकों की ये खोज हमारे मूल अस्तित्व और ब्रह्मांड में जीवन की संभावनाओं के बारे में नई रोशनी डाल रही है।
ये भी पढ़ें: न्यू ईयर पर किस देश के लोग पीते हैं सबसे ज्यादा शराब? नाम जानकर हैरान रह जाएंगे आप