Maharashtra News: महाराष्ट्र के नालासोपारा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पाकिस्तानी झंडा हटाने को लेकर विवाद ने तूल पकड़ लिया। ये घटना नालासोपारा पश्चिम की दीप हाइट्स इमारत के सामने हुई, जिसके बाद तीन युवकों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आइए, जानते हैं इस घटना के बारे में विस्तार से।
क्या है पूरा मामला?
25 अप्रैल की शाम को नालासोपारा निवासी महेंद्र कुमार माली ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के विरोध में अपनी इमारत के सामने सड़क के दोनों ओर पाकिस्तानी राष्ट्रीय ध्वज चिपका दिया। उनका मकसद इस हमले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करना था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी और 17 लोग घायल हुए थे।
कुछ देर बाद, तीन युवक स्कूटी से वहां से गुजर रहे थे। उन्होंने झंडा देखकर पूछा कि इसे किसने लगाया और फिर उसे उतारने लगे। इस दौरान एक युवक ने दावा किया कि ये झंडा मुस्लिम समुदाय या इस्लामिक है। महेंद्र माली ने इसका विरोध करते हुए स्पष्ट किया कि ये पाकिस्तान का झंडा है, जिसे आतंकवादी हमले के विरोध में लगाया गया था।
विवाद बढ़ा, बहस और गाली-गलौज
महेंद्र माली के अनुसार, तीनों युवकों ने उनसे बहस की, गालियां दीं और पाकिस्तान के समर्थन में बातें कीं। इस घटना ने स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा और मामला गंभीर हो गया। महेंद्र ने इसकी शिकायत नालासोपारा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई।
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पुलिस ने दर्ज किया केस
महेंद्र कुमार माली की शिकायत के आधार पर नालासोपारा पुलिस ने तीन युवकों—उस्मान गनी इकबाल सैयद, तौशीद आजाद शेख, और अदनान अफसर शेख—के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) 2023 की धारा 152, 352, और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया। इन धाराओं में आरोप है कि युवकों का ये कृत्य भारत की संप्रभुता, एकता, और अखंडता को कमजोर करने का प्रयास था।
तीनों आरोपी गिरफ्तार, जांच जारी
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें 30 अप्रैल तक के लिए कस्टडी में भेज दिया गया है। नालासोपारा पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि घटना के सभी पहलुओं का पता लगाया जा सके।
पहलगाम आतंकी हमले का विरोध
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 26 लोगों की मौत और 17 लोगों के घायल होने के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। नालासोपारा की ये घटना भी इसी विरोध का हिस्सा थी, जो विवाद में बदल गई।
ये घटना न केवल स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी है, बल्कि ये राष्ट्रीय संप्रभुता और एकता के प्रति संवेदनशीलता को भी दर्शाती है। नालासोपारा पुलिस की त्वरित कार्रवाई से ये संदेश गया है कि ऐसे मामलों में कानून अपना काम करेगा। इस मामले में आगे की जांच से और तथ्य सामने आएंगे।
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