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Maharashtra ONTV News: उद्धव ठाकरे गुट ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘बालासाहेब ठाकरे को भारत रत्न से क्यों भूल गए?’

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Maharashtra ONTV News: केंद्र सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी. वी. नरसिम्हा राव और मशहूर वैज्ञानिक डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा के बाद उद्धव ठाकरे गुट ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उद्धव गुट का कहना है कि पीएम मोदी ने हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे को भारत रत्न के लिए क्यों भुला भूला दिया है।

संजय राउत ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि, “खुद को हिंदुत्ववादी कहने वाले प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे को भूल गए हैं। बमुश्किल एक महीने में पहले दो और अब तीन नेताओं को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। हालांकि, वीर सावरकर और शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है, जो किसी अन्य से अधिक भारत रत्न के हकदार थे।” उन्होंने कहा, “दरअसल, एक साल में तीन लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया जा सकता है। लेकिन पीएम मोदी ने पांच भारत रत्न देने की घोषणा की है। जाहिर है, चुनाव नजदीक हैं।” (Maharashtra ONTV News)

इतना ही नहीं, संजय राउत ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, “कर्पूरी ठाकुर और लालकृष्ण आडवाणी के बाद आज चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। अन्य नेता भी इंतजार कर रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री बालासाहेब ठाकरे को क्यों भूल गए हैं, जो देश में चल रही हिंदू लहर के असली वास्तुकार हैं? और याद रखें, बालासाहेब के कारण ही प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक समारोह आयोजित कर सके।”

इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे को भारतरत्न देने की मांग की थी। राज ठाकरे ने कहा था, “केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने पी. वी. नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह और कुछ साल पहले प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने की घोषणा करके राजनीतिक उदारता दिखाई है। अब बाला साहेब ठाकरे को भी भारत रत्न घोषित किया जाना चाहिए।” (Maharashtra ONTV News)

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उन्होंने कहा, “देश के एक प्रमुख कार्टूनिस्ट और देशभर के समस्त हिंदुओं की अस्मिता को जागृत करने वाले अद्वितीय नेता इस सम्मान के पात्र हैं। ये मेरे जैसे कई लोगों के लिए उत्साह का क्षण होगा जिन्हें बालासाहेब के विचार विरासत में मिले हैं।”

ऐसे में अब ये देखना होगा कि क्या केंद्र सरकार उद्धव ठाकरे गुट और राज ठाकरे की मांग पर ध्यान देती है या नहीं। ये भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत रत्न देने का निर्णय एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं होता है, बल्कि ये एक समिति द्वारा लिया जाता है। इस समिति में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष शामिल होते हैं। ये समिति विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों की सिफारिश करती है। प्रधानमंत्री इन सिफारिशों पर विचार करते हैं और अंतिम निर्णय लेते हैं। (Maharashtra ONTV News)

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