मुंबई जैसे शहर में अपना घर लेना किसी सपने से कम नहीं होता। पर कई बार, ये सपना बिल्डरों की धोखाधड़ी की वजह से टूट जाता है। कितने ही ऐसे मामले होते हैं जहां बिल्डर ग्राहकों से मोटी रकम ऐंठ लेते हैं और फिर प्रोजेक्ट अधूरा छोड़कर गायब हो जाते हैं। लेकिन अब महारेरा (MahaRERA) ने एक ऐसा प्रस्ताव रखा है जिससे घर खरीदारों को थोड़ी राहत मिल सकती है।
महारेरा के नए प्रस्ताव के मुताबिक, अब बिल्डरों को अपने हर प्रोजेक्ट के लिए तीन अलग-अलग तरह के बैंक खाते खोलने होंगे। इन्हें कलेक्शन अकाउंट, सेपरेट अकाउंट, और ट्रांजेक्शन अकाउंट का नाम दिया गया है। इन खातों का एक खास काम होगा। मसलन, कलेक्शन अकाउंट में ग्राहकों से लिए गए सारे पैसे जमा होंगे। इस अकाउंट से 70% पैसा सेपरेट अकाउंट में ट्रांसफर होगा और इसका इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ जमीन के खर्च और कंस्ट्रक्शन के लिए ही किया जा सकेगा। बाकी बचा 30% पैसा ट्रांजेक्शन अकाउंट में रहेगा, जिससे बिल्डर अपना ऑफिस आदि के खर्च चला सकेगा।
इस सबसे पारदर्शिता आएगी और बिल्डर पैसे को इधर-उधर नहीं कर पाएंगे। इससे घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी होने के चांस कम होंगे। एक और अहम बात यह है कि प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद अगर बिल्डर को सेपरेट अकाउंट से पैसा निकालना है तो उसे महारेरा से अनुमति लेनी होगी। इतना ही नहीं, प्रस्ताव के अनुसार, बिल्डर का खाता खोलने से पहले बैंक पूरी तरह जांच-पड़ताल करेंगे कि बिल्डर और प्रोजेक्ट सही है या नहीं, ताकि बाद में कोई झमेला ना हो।
महारेरा ने आम लोगों से भी इस प्रस्ताव के बारे में अपनी राय देने को कहा है। आप भी 15 अप्रैल तक अपने विचार या सुझाव ईमेल करके महारेरा को भेज सकते हैं।