झारखंड में बड़ा रेल हादसा: झारखंड की धरती पर एक भयानक हादसे ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी को झकझोर कर रख दिया। मंगलवार की सुबह, जब लोग अपनी नींद से जाग रहे थे, तब हावड़ा से मुंबई जा रही एक ट्रेन ने अपनी पटरी छोड़ दी। यह घटना टाटानगर के पास पोटोबेड़ा के सरायखेला में हुई। इस दर्दनाक हादसे में ट्रेन के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें दो लोगों की जान चली गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
हादसे की खबर फैलते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। रेलवे के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंचे। घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि दो लोग बहुत गंभीर रूप से घायल हैं। बाकी सभी घायलों को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है।
Jharkhand: Train No. 12810 Howara-CSMT Express derailed near Chakradharpur, between Rajkharswan West Outer and Barabamboo in Chakradharpur division at around 3:45 am. ARME with Staff and ADRM CKP on site. 6 persons have been injured. All have been given first aid by the Railway… pic.twitter.com/dliZBvtoFk
— ANI (@ANI) July 30, 2024
रेलवे ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए विशेष कोच और बसों का इंतजाम किया गया। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, जैसे एडीआरएम और अन्य स्टाफ, बिना देर किए मौके पर पहुंचे। उन्होंने खुद देखरेख करके घायलों को अस्पताल भिजवाया।
इस तरह के हादसों में लोगों को अपने प्रियजनों की चिंता सताती है। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे ने कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए। टाटानगर, चक्रधरपुर, राउरकेला, हावड़ा और रांची में अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर चालू किए गए। इन नंबरों पर फोन करके लोग अपने रिश्तेदारों की जानकारी ले सकते हैं।
हादसे का असर रेल यातायात पर भी पड़ा। कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। इनमें हावड़ा-कांटाबाजी एक्सप्रेस, खड़कपुर-धनबाद एक्सप्रेस और हावड़ा-बारबिल एक्सप्रेस शामिल हैं। कुछ ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा। जैसे बिलासपुर-टाटा एक्सप्रेस को राउरकेला में, एर्नाकुलम-टाटा एक्सप्रेस को चक्रधरपुर में और हावड़ा-चक्रधरपुर एक्सप्रेस को आगरा में रोक दिया गया।
इस हादसे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी आई हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस घटना पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि इस हादसे में न तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का हाथ है और न ही INDIA गठबंधन का। उन्होंने इसकी पूरी जिम्मेदारी रेल मंत्री और केंद्र सरकार पर डाली है। पार्टी ने रेल मंत्री से आग्रह किया है कि वे रेल सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दें।
राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। रेलवे और राज्य सरकार की टीमें मिलकर काम कर रही हैं। घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। साथ ही, हादसे के कारणों की जांच भी शुरू कर दी गई है।
यह हादसा रेल सुरक्षा पर कई सवाल खड़े करता है। क्या हमारी रेल व्यवस्था सुरक्षित है? क्या पुरानी पटरियों और उपकरणों की वजह से ऐसे हादसे हो रहे हैं? इन सवालों के जवाब ढूंढना बहुत जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
इस तरह के हादसे हमें याद दिलाते हैं कि जीवन कितना अनिश्चित है। एक पल में सब कुछ बदल सकता है। यह घटना हमें सिखाती है कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और सुरक्षा को सबसे ऊपर रखना चाहिए।
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