मुंबई, जो कि महाराष्ट्र की राजधानी और भारत का आर्थिक केंद्र है, के लिए जुलाई का महीना खुशखबरी लेकर आया है। इस शहर के करोड़ों लोगों के लिए पानी की चिंता कम हो गई है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है यह खुशखबरी और कैसे इससे मुंबई के लोगों को राहत मिली है।
पिछले कुछ महीनों से मुंबई में पानी की कमी की खबरें आ रही थीं। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। हाल ही में, शहर की सात बड़ी झीलों में पानी का स्तर काफी बढ़ गया है। ये झीलें मुंबई को पानी देने का काम करती हैं। अब इन झीलों में इतना पानी भर गया है कि वे अपनी पूरी क्षमता का 74 प्रतिशत तक भर चुकी हैं। यह एक बहुत अच्छी खबर है।
इस अच्छी खबर का सीधा फायदा मुंबई के लोगों को मिला है। बृहन्मुंबई महानगर पालिका, जिसे लोग बीएमसी के नाम से जानते हैं, ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने 5 जून से लागू की गई 10 प्रतिशत पानी की कटौती को हटा दिया है। इसका मतलब है कि अब मुंबई के लोगों को पहले की तरह पूरा पानी मिलेगा।
आइए अब जानते हैं कि मुंबई को कितने पानी की जरूरत होती है। हर साल मुंबई को करीब 14 करोड़ 47 लाख लीटर पानी चाहिए होता है। यह एक बहुत बड़ी संख्या है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अभी झीलों में 10 करोड़ 67 लाख लीटर पानी है। यह पिछले साल की तुलना में 2 प्रतिशत ज्यादा है।
मई महीने में स्थिति बहुत खराब थी। उस समय झीलों में पानी का स्तर सिर्फ 5 प्रतिशत रह गया था। लोगों को लग रहा था कि शायद इस बार बहुत बड़ा पानी का संकट आ सकता है। लेकिन अब स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
मुंबई में सात बड़ी झीलें हैं जो शहर को पानी देती हैं। इनमें से चार झीलें – मोदक सागर, तानसा, विहार और तुलसी अब इतनी भर गई हैं कि उनमें से पानी बाहर बहने लगा है। यह एक बहुत अच्छी बात है। इससे पता चलता है कि अब पानी की कोई कमी नहीं रहेगी।
बाकी तीन झीलों की स्थिति भी अच्छी है। मध्य वैतरणा में 74 प्रतिशत, भटसा में 71 प्रतिशत और ऊपरी वैतरणा में 44 प्रतिशत पानी भरा हुआ है। यह सभी आंकड़े बताते हैं कि अब मुंबई में पानी की कोई समस्या नहीं होगी।
बीएमसी हर दिन मुंबई को 3 करोड़ 90 लाख लीटर पानी देती है। यह बहुत बड़ी मात्रा है। इतने पानी से शहर के सभी लोगों की जरूरतें पूरी होती हैं। घरों में पानी आता है, कारखानों में काम होता है, और बाग-बगीचों की देखभाल होती है।
29 जुलाई तक, सभी सात झीलों में पानी का स्तर इस प्रकार था:
- ऊपरी वैतरणा: इस झील में अभी 599.40 मीटर तक पानी है। यह झील 603.51 मीटर तक भर सकती है।
- मोदक सागर: यह झील पूरी तरह से भर गई है। इसमें 163.15 मीटर तक पानी है।
- तानसा: यह झील भी लगभग पूरी भर गई है। इसमें 128.54 मीटर पानी है, जबकि यह 128.63 मीटर तक भर सकती है।
- मध्य वैतरणा: इस झील में 276.83 मीटर पानी है। यह 285 मीटर तक भर सकती है।
- भटसा: इसमें 134.12 मीटर पानी है। यह झील 142.07 मीटर तक भर सकती है।
- विहार: यह झील भी पूरी भर गई है। इसमें 80.27 मीटर पानी है, जो कि इसकी पूरी क्षमता से थोड़ा ज्यादा है।
- तुलसी: यह छोटी झील भी पूरी भर गई है। इसमें 139.22 मीटर पानी है, जो कि इसकी क्षमता से थोड़ा ज्यादा है।
इन सभी आंकड़ों से पता चलता है कि मुंबई में अब पानी की कोई कमी नहीं रहेगी। लोग राहत की सांस ले सकते हैं। अब उन्हें पानी बचाने की चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन फिर भी, पानी का सही इस्तेमाल करना हमेशा अच्छा होता है।
यह सुधार मानसून की बारिश की वजह से हुआ है। अच्छी बारिश ने मुंबई के लोगों को बड़ी राहत दी है। अब उम्मीद है कि आने वाले महीनों में भी पानी की कोई समस्या नहीं होगी। मुंबई के लोग अब बिना किसी चिंता के अपना रोजमर्रा का काम कर सकते हैं।